अल्मोड़ा उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जो अपनी संस्कृति ,प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। जिला मुख्यालय और इसके आस पास, अल्मोड़ा में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जो आपको एक अविस्मरणीय अनुभव देंगी। अल्मोड़ा और इसके आस पास प्राकृतिक सुंदरता , रोमांचक ,और ऐतिहासिक महत्व , आध्यात्मिक शांति और धार्मिक महत्व से जुड़े स्थानों की भरमार है । जिसमे से कुछ महत्वपूर्ण स्थानों का विवरण इस प्रकार है :-
अल्मोड़ा में घूमने लायक स्थान ( Place to visit in Almora )
ब्राइट एंड कॉर्नर ( Bright End Corner ) :-
यह अल्मोडा में एक लोकप्रिय दृश्य बिंदु है जो त्रिशूल, नंदा देवी और पंचाचूली पर्वतमाला सहित आसपास की हिमालय चोटियों के लुभावने व मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। यह विशेष रूप से अपने मनमोहक सूर्योदय और सूर्यास्त दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यही सूर्योदय और सूर्यास्त के मनमोहक दृश्य इसे प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाता है।शांतिपूर्ण माहौल और सुरम्य दृश्य ब्राइट एंड कॉर्नर को आराम करने और पहाड़ों की सुंदरता का आनंद लेने के लिए एक शांत जगह बनाते हैं। जब आप अल्मोड़ा जाएँ तो इस रमणीय स्थान को देखना न भूलें!
नन्दा देवी मन्दिर ( Nanda devi temple Almora )
नन्दादेवी मन्दिर अल्मोड़ा के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में से एक है। यह ऐतिहासिक मन्दिर उत्तराखंड की कुल देवी नन्दा को समर्पित है।

चितई गोलू देवता मन्दिर ( chitai Golu devta temple Almora )
अल्मोड़ा बाजार से लगभग 12 किमी पर स्थित यह मन्दिर उत्तराखंड के न्याय के देवता कहे जाने वाले लोक देवता, गोलू देवता को समर्पित है। यहां चिट्ठी लिख कर मन्नतें मांगी जाती है। इसलिए इसे चिट्ठी वाला मन्दिर भी कहते हैं। यह धार्मिक स्थल अल्मोड़ा में घूमने लायक प्रसिद्ध स्थलों में एक है।


अल्मोड़ा में घूमने लायक प्रसिद्ध स्थान डोल आश्रम ( Dol Ashram Almora )
अल्मोड़ा मार्केट से लगभग 38 किमी दूर, लमगड़ा नामक स्थान पर स्थित डोल आश्रम नाम का यह आश्रम, प्राकृतिक सुन्दरता और अलौकिक शान्ति के लिए विख्यात है।
जागेश्वर धाम ( Jageshwar dham , Almora )
अल्मोड़ा से करीब 35 किमी दूर बसा भगवान शिव का प्रसिद्ध धाम है। यह लगभग 125 मन्दिरों का समूह है। इसे भगवान शिव की तपोस्थली भी कहा जाता है। कहते हैं शिवलिंग पूजा का आरम्भ सर्वप्रथम जागेश्वर से ही हुवा | देवदार के पेड़ो के बीच यहां अलौकिक शान्ति का अनुभव होता है। यहां भगवान शिव के दर्शनों केसाथ-साथ, एक रात में बने 125 मन्दिरों की स्थापत्य कला देखने लायक है।
कसार देवी ( kasar devi ,Almora )
अल्मोड़ा से मात्र 8 किमी की दूरी पर स्थित इस रहस्यमई मन्दिर का रहस्य पता करने में नासा के वैज्ञानिक भी असफल है। देवी कात्यायनी को समर्पित यह मन्दिर प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर अलौकिक शान्ति का प्रसिद्ध स्थान है।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस मन्दिर के आस पास चुम्बकीय शक्ति से युक्त बड़े बड़े पिंडं हैं। कहते हैं भारत में यह एकलौती जगह है, जहां चुम्बकीय शक्तियां मौजूद है। आध्यात्मिक शांति का यह स्थान जो पूरे संसार मे प्रसिद्ध है, अल्मोड़ा में घूमने वाली जगहों की फेरहिस्त में सबसे अव्वल है।और इसके आस -पास प्राकृतिक सुंदरता बेशुमार बिखरी पड़ी है। यहाँ आप आध्यात्मिक शांति के साथ पहाड़ो की रमणीय सुंदरता का आनंद भी के सकते हो ।
कटारमल सूर्य मन्दिर , अल्मोड़ा में घूमने लायक खास स्थान ( Katarmal sun temple Almora )
कटारमल सूर्य मन्दिर अल्मोड़ा से लगभग 16 किमी दूर अधोली सुनार गांव में स्थित है। कटारमल भारत का दूसरा और उत्तराखंड का सबसे प्राचीन सूर्य मन्दिर है। कटारमल सूर्य मन्दिर अपनी विशेष वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां छोटे- छोटे 45 मन्दिरों का समूह है। यहां भगवान सूर्य की मूर्ति किसी धातु की नही बल्की बरगद की लकड़ी की बनी है। इसलिए इसे बड़आदित्य मन्दिर भी कहते हैं। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बिनसर , अल्मोड़ा में घूमने के लिए खास स्थान ( Bimaar , Almora )
अल्मोड़ा के आस-पास घूमने लायक सर्वोत्तम स्थानों में से एक स्थान है, बिनसर प्रकृतिक सुन्दरता से भरपूर देवदार के जंगलो से घिरा यह रमणीक स्थल अल्मोड़ा से मात्र 33 किमी की दूरी पर है। बिनसर मे हिमालय की चोटियाँ केदारनाथ, चौखंबा, नंदा देवी, पंचाचूली, दिखाई देती है। ट्रैकिंग, कैम्पिंग, प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा यहां करने को बहुत कुछ है।
सोमेश्वर धाटी ( Someshwar ghati ) :-
यह रमणीय घाटी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में 4752 मीटर ऊंचाई पर अल्मोड़ा बाजार से 34 किमी दूरी पर स्थित है। पर्वत श्रृंखलाओं के बीच यह घाटी बड़ी ही सुन्दर और रमणीय लगती है। इसका नाम सोमेश्वर यहां स्थित यहां स्थित पौराणिक शिव मन्दिर के आधार पर रखा
गया है। इस मन्दिर के बारे में कहते है कि इसे राजा सोमचन्द्र ने बनाया था। कहते हैं, यहां की गई पूजा काशी विश्वनाथ के बराबर फलदाई होती है। यह धाटी सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसके खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य और शान्त वातावरण इसे घूमने के लिए एक परफैक्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं। यहां आप नेचरवाक, ट्रैकिंग, फोटोग्राफी का आनंद ले सकते है। अंग्रेज घुम्मकड़ पी. बैरन के अनुसार सोमेश्वर घाटी एशिया की सबसे सुन्दर घाटियों में से एक है।

स्याही देवी मन्दिर शीतलाखेत ( Syahi devi mandir , Almora ) –
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से लगभग 56 किमी दूर स्थित यह मन्दिर माँ भगवती को समर्पित है। इस मन्दिर को कत्यूरी राजाओं ने बनाया था। इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि, यहाँ माता की मूर्ती दिन में तीन बार रंग बदलती है। इससे पहले यह मन्दिर वर्तमान मन्दिर से आधा किमी दूर स्थित है। बाघ, जंगली जानवरों के डर से लोग यहां नहीं जाते थे। कहते हैं स्याहि देवी के मूल मन्दिर में स्वामी विवेकानन्द जी ने तपस्या की थी। स्वाही देवी मन्दिर शीतलाखेत के ऊपर चोटी पर स्थित है। यहां
जाने के लिए शीतलाखेत से पैदल जाना पड़ता है।शीतलाखेत प्राकृतिक सुन्दरता के परिपूर्ण स्थल है। इस क्षेत्र में साल भर टूरिस्टों का आवागमन बना रहता है। हिमालय के सुन्दर नजारों, कैम्पिंग ट्रैकिंग के लिए यह स्थान परफैक्ट है।
महाअवतार गुफा ( Mahavtar Gufa ) -:
अल्मोड़ा के द्वाराहाट के पास प्रसिद्ध बाबा महावतार बाबा की गुफा स्थित है। इस गुफा में कई योगी और सन्तों ने ध्यान लगाया है। फिल्म अभिनेता रजनीकान्त जूही चावला आदी कई हस्तियाँ यहा आती रहती हैं। महावतार बाबा के जन्म से सम्बंधित कोई ऐतिहासिकप्रमाण नहीं हैं। बताया जाता है कि, अमर अवतार बाबाजी हजारों वर्षों से हिमालय की कंदराओं में निवास करते हैं। बाबा जी बहुत कम और कभी-कभी सौभाग्यशाली शिष्यों को दिखते हैं।
दूनागिरी, अल्मोडा में घूमने योग्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ( Dunagiri mandir , Almora )
अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय से 65 किमी. रानीखेत से 52 किमी., द्वाराहाट से उत्तर में 15 किमी. की दूरी पर रानीखेत-कर्णप्रयाग मार्ग पर पड़ने वाले तथा द्वाराहाट कस्बे से पैदल 5 किमी. एवं मोटर मार्ग से 14 किमी. पर स्थित दूनागिरी की पहाड़ी को ही पुराण प्रसिद्ध द्रोणागिरी माना जाता है, जिसकी गणना 7 कुलपर्वतों में की गयी है।
यह नाम पड़ा था। इसकी प्राकृतिक सुंदरता के अतिरिक्त
यह स्थान अपनी बहुमूल्य वन औषधि सम्पदा के लिए भी प्रसिद्ध है। कहते हैं है कि लंकायुद्ध में मेघनाथ की शक्ति से मूर्च्छित लक्ष्मण को जीवित करने के लिए जब हनुमान संजीवनी बूटी सहित द्रोणाचल को ले जा रहे थे तो उसका एक खण्ड यहां पर गिर गया था।
इसके शिखर पर 1181 ई. से वैष्णवी देवी का मान्य शक्तिपीठ है, अतः यहां पर बलि नहीं चढ़ाई जाती है। मंदिर में प्राचीन शिलालेख भी है। सम्वत् 1086 (सन् 1029 ई.) के इस शिलालेख के विषय में माना जाता है कि मूलत: यह द्वाराहाट के बद्रीनाथ के मंदिर का है जिसे यहां लाकर रख दिया गया है (ताम्रपत्र
लेख)। अब मंदिर की सारी व्यवस्था इसके लिए स्थापित एक न्यास द्वारा की जाती है। इसे शक्ति (देवी) के 51 उग्रपीठों में से अन्यतम माना जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यहां से उत्तरी हिमालय श्रृंखला के रमणीक दर्शन होते हैं।
पांडुखोली भटकोट ( Pandu kholi , Bhakto ) –
कुमाऊ की सबसे ऊंची गैर हिमालयन पर्वत श्रृंखला पर। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट से 14 किमी दूरी पर है दुनागिरी कुछ रेस्टोरेंट समान से समन्धित दुकानों के साथ -साथ प्रसाद इत्यादि के प्रतिष्ठान आपको सड़क से लगे हुए मिल जाएंगे। दुनागिरी से 5 किमी दूरी पर कुकुछीना पड़ता है कुकुछीना से लगभग 4 किमी का पैदल रास्ता तय कर के सुुप्रसिद्ध पाण्डखोली आश्रम पहुुँचा जा सकता है स्व: बाबा बलवन्त गिरी जी ने आश्रम की स्थापना की थी और महावतार बाबा व लाहिड़ी महाशय जैसे उच्च आध्यात्मिक संतों की तपस्थली भी रहा है ।
अल्मोड़ा में घूमने लायक बेहतरीन स्थल रानीखेत ( Ranikhet ,Almora )
रानीखेत भारत के उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से 1,824 मीटर (6,000 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और कुमाऊं हिमालय से घिरा हुआ है। रानीखेत एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने रमणीय दृश्यों, हल्की जलवायु और कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। अल्मोड़ा में घूमने के लिए रानीखेत नगर और इसके आस पास के डेस्टिनेशन एक परफेक्ट चॉइस हैं। रानीखेत के कुछ सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण निम्न हैं :-
रानीबाग पैलेस:
19वीं सदी का यह महल कभी कुमाऊं शाही परिवार का ग्रीष्मकालीन निवास था। अब यह एक संग्रहालय है जिसमें शाही कलाकृतियों और यादगार वस्तुओं का संग्रह है।
रानीखेत गोल्फ कोर्स:
यह गोल्फ कोर्स भारत के सबसे पुराने गोल्फ कोर्स में से एक है और हिमालय की पृष्ठभूमि पर स्थित है।
चौबटिया गार्डन:
ये खूबसूरत उद्यान सेब, खुबानी, आड़ू और पुलम सहित कई अन्य विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन यहां होता है। यहां कई ट्रैकिंग के रास्ते भी हैं जो बगीचों से होकर गुजरते हैं और आसपास की पहाड़ियों के दृश्य बड़े रमणीक लगते है।
इसके अलावा रानीखेत में रानीझील, झूला देवी आदि प्रसिद्ध स्थल हैं। विस्तार से पढ़ने के लिए क्लिक करें …
अल्मोड़ा में घूमने लायक स्थान मझखाली ( Majhkhali ,Almora )
मझखाली एक कस्बाई गावँ है। जो रानीखेत के नजदीक स्थित है। यह स्थान हिमालय दर्शन, पुरातत्व गुफा दर्शन और रॉक क्लाइम्बिंग के लिए प्रसिद्ध है।
लखु उड़्यार शैलाश्रय अल्मोड़ा –
यह स्थल अल्मोड़ा बाजार से लगभग 15 किमी दूर स्थित है। ऐतिहासिक महत्व का यह स्थान, अल्मोड़ा में घूमने, देखने योग्य स्थानों में एक है। लखु का मतलब लाख का या गिनती में लाखो और उड़्यार का मतलब होता है, गुफा |
प्रागैतिहासिक काल में आदीमानव, बारिश और प्राकृतिकआपदाओं से बचने के लिए इन गुफाओं की शरण लेता होगा । तब आदमानव ने इन गुफाओं मे अपने जीवनचर्य से सम्बन्धित चित्र गुफाओं की दिवारों पर उकेरे हैं। इन्ही चित्रों को देखने के लिए यह ऐतिहासिक स्थान घूमने के लिए आवश्यक बन जाता है। इसके अलावा यहां एक अच्छा पिकनिक स्पॉट भी है
मरतोला (Martola, Almora ) –
प्रकृति प्रेमीयों के लिए मरतोला (Martola Almora) एक आदर्श घूमने की डेस्टिनेशन है। समुद्रतल से लगभग 520 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान रमणीय प्राकृतिक सुन्दरता से लबरेज है।यह सुन्दर प्राकृतिक स्थान अल्मोड़ा से पनुवानोला वाली रोड पर है।
निष्कर्ष –
ये अल्मोडा में घूमने लायक कई रमणीय स्थानों में से कुछ हैं। अल्मोड़ा जिले का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इसे प्रकृति प्रेमियों और पहाड़ों में शांतिपूर्ण समय बिताने की चाह रखने वालों के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
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कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा ,कसार देवी मंदिर का रहस्य ।
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