Thursday, September 21, 2023
Homeदार्शनिक स्थलManglachu tal - इस तालाब के किनारे ताली बजाते ही उठते हैं...

Manglachu tal – इस तालाब के किनारे ताली बजाते ही उठते हैं बुलबुले !

उत्तराखंड का रहस्यमय मंगलाछू ताल (Manglachu tal ) :-

उत्तराखंड को यूं ही देवभूमी नहीं कहा जाता है। यहां की भूमी प्राकृतिक सुन्दरता के साथ अनजान अनदेखे रहस्यों से भी भरी पडी है। क्या आपने कभी देखा या सुना है ? कि, किसी तालाब या बावड़ी के किनारे सीटी या ताली बजाने से बुलबुले उठे ? आज उत्तराखंड के ऐसे ही एक रहस्यमय ताल Manglachu tal, मंगलाछू ताल के बारे में बात करेंगे। इस ताल के किनारे ताली या सीटी बजाने से यह ताल बुलबुलों के रूप में प्रतिक्रिया देता है।

अर्थात जब हम इस किनारे ताली या सीटी बजाते हैं, तो इस ताल में से बुलबुले निकलते हैं। यह रोमांचकारी और रहस्यमय ताल उत्तरकाशी जनपद के जिला मुख्यालय से लगभग 80 किमी दूर माँ गंगोत्री के शीतकालीन पड़ाव मुखबा से करीब 6 किमी की दूरी पर स्थित है। मंगलाछू ताल के लिए रास्ता इसी गांव से होकर जाता है। Manglachu tal समुद्रतल से लगभग 3650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ताल मात्र 200 मीटर के दायरे में फैला हुवा है। यह रोमाचंक ताल अपनी सुन्दरता के लिए विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी में आता है। 

मंगलाछू ताल की खासियत :- 

विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी में बसे माल 200 मीटर चौड़ाई वाले इस मंगलाछू ताल की विशेषता यह है कि इस ताल के किनारे आवाज करने, ताली बजाने या सीटी बजाने से इस ताल में बुलबुले उठते हैं। चारों ओर बर्फ से लदी हिमालय की चोटियाँ आर्कषित करती है। इसके आस पास की वादियों में अनोखी शान्ती का अहसास होता है। ताल के किनारे आवाज निकाल कर ताल से निकलने वाले बुलबुलों को देखना अपने आप मे रोमांचकारी अनुभव है।

MY11Circle

 

Best Taxi Services in haldwani

Manglachu tal

मंगलाछू ताल ( Manglachu tal ) की धार्मिक मान्यता :-

स्थानीय लोगों के अनुसार, “जब हिमाचल से सोमेश्वर देवता को यहां लाया गया तो देवता ने प्रथम स्थान इस ताल में किया। इसलिए Mangalachhu tal को Someshwar devta tal भी कहा जाता है। ताल के बारे में यह मान्यता भी है, कि यहां पूजा-अर्चना करने से बारिश होती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यदि कोई इस ताल को अपवित्र करता है, तो अतिवृष्टि का सामना करना पड़ता है।

बुलबुले वाले ताल मंगलाछू ताल के बारे मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण :-

दैनिक जागरण और अन्य पत्र, पत्रिकाओं में छपी एक शोध के अनुसार हिमालयी क्षेत्रों में कुछ स्थान ऐसे भी है, जहां धरती के अन्दर से पानी महीन छेदों के माध्यम से बाहर आता है। जब इसके आस-पास हलचल या आवाज होती है, तो धरती की बारीक दरारों के माध्यम से वायु पानी पर दबाव बनाती है। इस वजह से पानी ताल के ऊपर बुलबुलो के रूप में आता हुवा दिखाई देता है।

इन्हे पढ़े _

उत्तराखंड की एक ऐसी झील जहाँ नाहने आती हैं परियां।

उत्तराखंड के वीर भड़ गढ़ू सुम्याल की वीर गाथा ! गढ़वाल में जिसकी वीर गाथा के पवाड़े गाये जाते हैं।

हमारे व्हाट्सप ग्रुप में जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें !

 

bike on rent in haldwaniविज्ञापन
RELATED ARTICLES
spot_img

Most Popular

Recent Comments