Sunday, November 17, 2024
Homeदार्शनिक स्थलकानाताल शांति व सुकून के लिए, उत्तराखंड का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है।

कानाताल शांति व सुकून के लिए, उत्तराखंड का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है।

kanatal hill station

कानाताल भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक छोटा और सुन्दर हिल स्टेशन है। उत्तराखंड के टिहरी जिले में स्थित यह हिल स्टेशन, पवित्र शहर ऋषिकेश के पास स्थित है। समुद्र तल से 8500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन,सुन्दर व शान्त हिमालय के पहाड़ों से घिरा हुवा है। दरसल यह एक सुन्दर गांव है। यह शांत हिल स्टेशन मसूरी – चम्बा हाईवे पर स्थित है। यह स्थान मसूरी से 38 किलोमीटर व चम्बा (टिहरी) से 12 किलोमीटर दूर है।

वर्तमान में यह शांत हिल स्टेशन काफी प्रसिद्ध हो रहा है। कानाताल दिल्ली से लगभग 300 किलोमीटर दूर है। और देहरादून से लगभग 78 किमी दूर है। इसका नाम कानाताल एक झील के नाम पर पड़ा, लेकिन अब यह ताल सूख चुका है। कानाताल का मतलब होता है, “एक आंख वाली झील या ताल”। यह हिल स्टेशन शहर की व्यस्त जिन्दगी से दूर एक शांत डेस्टिनेशन के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान कभी गढ़वाल समराज्य का अभिन्न हिस्सा था? अब यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

कानाताल उत्तराखंड में करने लायक गतिविधियां –

कानाताल में करने के लिए कई चीजें है। जिनमे ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, रैम्पलिंग, कैपिंग, वैली क्रोसिंग और दर्शनीय स्थल शामिल हैं।

  • ट्रैकिंग– यहां करने के लिए सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है। यहां बहुत सारे रास्ते हैं जो हरे-भरे जंगलो, बर्फ से ढके पहाड़ो से होकर गुजरते हैं।
  • पैराग्लाइडिंग– पैराग्लाइडिंग भी एक लोकप्रिय गतिविधि है। इस गतिविधी से आप यहाँ के आकाश मार्ग से रमणीक दृश्यों का आन्नद ले सकते हैं। तथा साहसिक खेल का आन्नद भी ले सकते हैं।
  • रैपेलिंग– यह भी एक प्रकार की साहसिक गतिविधि है, जिसमे रस्सी की साहायता से चट्टानों का भ्रमण किया जाता है। कानाताल में इस प्रकार की साहसिक गतिविधियों के लिए काफी विकल्प हैं।
  • कैम्पिंग– इस गतिविधि के लिए यह स्थान काफी प्रसिद्ध है। या यूं कहें कि कैम्पिंग की गतिविधियों के लिए यह क्षेत्र एक आदर्श स्थान है।
  • जीप सफारी- जीप सफारी की गतिविधियां कानाताल के क्षेत्र में कियान्वित की जाती हैं।
  • वैली क्रोसिंग- यह क्षेत्र वैली क्रोसिंग की साहसिक गतिविधियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस गतिविधि में घाटी के एक कोने से दूसरे कोने तक रस्सियों की मजबूत पटरी सी बना कर , कुशल प्रशिक्षक के देख रेख में ,सुरक्षा संसाधनों का प्रयोग करते हुए पैदल या साइकिल से पार करते हैं।

इनके अतिरिक्त आप कानाताल के दर्शनीय स्थलों का आन्नद ले सकते सकते हैं।यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में टिहरी डैम, सुरकंडा देवी, कौड़िया जंगल कैम्पटी फॉल आदी हैं।

कानाताल क्यों प्रसिद्ध है-

Best Taxi Services in haldwani

पिछले कुछ समय में कानाताल काफी प्रसिद्ध हो गया है। कानाताल में वह सबकुछ है, जो एक आदर्श हिल स्टेशन में होना चाहिए। कानाताल प्राकृतिक मनोरम दृश्यों, अपने शांत वातावरण और साहसिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।

कानाताल में घूमने लायक स्थान-

उत्तराखंड के सबसे बेस्ट हिल स्टेशनों में एक माने जाने वाले , कानाताल में घूमने लायक स्थान निम्न हैं ,जहाँ आप प्रकृति के आँचल में अभूतपूर्व शांति का अहसास कर सकते हो।

1- सुरकंडा देवी मंन्दिर-

कानाताल से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है ,सुरकंडा देवी मंदिर। सुरकंडा देवी मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तराखंड राज्य के टेहरी गढ़वाल जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।

जब देवी सती ने आत्मदाह कर दिया ,तब भगवान भोलेनाथ माता सती के वियोग में माता सती के शरीर को लेकर भटकने लगे। तब भगवान विष्णु नेभोलेनाथ के दुःख को समाप्त  करने के लिए, अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में विभक्त कर दिया। माता सती के शरीर के भाग जहां जहाँ गिरे,कालांतर में वह स्थान देवी माँ के शक्तिपीठों के रूप में पूजित हुए। चूँकि सुरकूट नामक पर्वत पर माता सती का सिर गिरा। इसलिए यह स्थान सरकंडा और कालांतर में सुरकंडा देवी के नाम से प्रसिद्ध हुवा।

ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 500 वर्ष से अधिक पुराना है और यह देवी दुर्गा के भक्तों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा से भक्तों के सभी पापों को धोने में मदद मिल सकती है। यह भी माना जाता है कि देवी उन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं जो आस्था और भक्ति के साथ मंदिर में आते हैं। यह मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और घने जंगलों और हरी घास के मैदानों से घिरा हुआ है। यह मंदिर अन्य देवी-देवताओं को समर्पित कई मंदिरों और तीर्थस्थलों से भी घिरा हुआ है।

पहाड़ी की चोटी पर एक छोटा तालाब स्थित है और ऐसा माना जाता है कि तालाब में डुबकी लगाने से भक्तों के पाप धुल जाते हैं। यह मंदिर दुर्गा के भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और हर साल हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में कई पर्यटक भी आते हैं जो क्षेत्र की सुंदरता का पता लगाने के लिए आते हैं। यह मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है और कई भक्त यहां होने वाले धार्मिक समारोहों और अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।

कानाताल

2 – टिहरी डैम –

दुनिया के सबसे ऊँचे बांधों में शुमार उत्तराखंड का टिहरी डैम कानाताल के पास घूमने लायक सर्वश्रेष्ठ जगहों में से एक है। हिमालयी वादियों के बीच बना यह बांध अभूतपूर्व है। यहाँ हिमालयी वादियों के बीच विशाल डैम में वोटिंग और प्राकृतिक दृश्यों का अहसास अपने आप में निराला होगा। इसके अलावा टिहरी डैम को मिनी मालदीव  भी कहते हैं। यहाँ आप फ्लोटिंग हट्स में समय बिताने का रोमांचित अनुभव ले सकते हैं। मालदीव से कई गुना कम पैसे में आप मालदीव जैसा आनंद यहाँ ले सकते हैं।

2- कौडिया जंगल –

कानाताल उत्तराखंड  में घूमने और मनोरंजन करने के लिए एक से बढ़कर एक जगह हैं। लेकिन कौडिया जंगल ( Kaudia forest ) इन सब में सबसे बेस्ट है। कौडिया फारेस्ट कानाताल  पिकनिक,विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के दर्शन ,प्रकृति की अप्रतीम छटां को अपने कैमरे में कैद करने के लिए व् लम्बी यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। जब आप हरे भरे जंगल के बीच कल – कल करते झरनो और पेड़ों के बीच मधुर कलरव करते विभिन्न पक्षियों के मध्य जाते हैं या वहां लम्बी पैदल यात्रा करते हैं ,तो एक अभूतपूर्व शांति और सुकून का अहसास होता है।

आप कानाताल से कौडिया फारेस्ट तक पूर्व अनुमति लेकर जीप सफारी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्थल माना जाता है। यहाँ अंदर अपने साथ खाने -पीने की वास्तु साथ ले जाए ,ताकि लम्बे पदचालन से भूख लगे तो कुछ खा लिया जाय। लेकिन साफ सफाई का भी ध्यान रखे अनावश्यक कचड़ा ( रैपर ,प्लास्टिक ) आदि वहां छोड़े।

3- धनोल्टी –

कानाताल में एक रमणीक हिल स्टेशन और है, जिसका नाम है धनौल्टी। धनौल्टी में पर्याप्त मात्रा में घास के मैदान, ऊँचे पेड़ हिमालयी पर्वत श्रेणियों के सूंदर दृश्य और हरियाली से भरे सुन्दर रस्ते हैं। धनोल्टी की यही सब विशेषताएं इसे कानाताल में घूमने के लिए बेस्ट हिल स्टेशन बनाते हैं। उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे बड़े शहरो के नजदीक होने के कारण यह स्थान वीकेंड मानाने के लिए सर्वथा उपयुक्त है।

सर्दियों में इस स्थान को बर्फ की चादर अपने आगोश में लपेट लेती है। पेड़ो के पत्तों से जो बर्फ के टुकड़े छोटी मात्रा में गिरते हैं, वे बड़े ही रमणीक लगते हैं। गर्मियों में धनोल्टी में अल्पाइन, ओक, हरे भरे देवदार के पेड़ आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा धनोल्टी इको पार्क, घूमने फिरने व आनंद मानाने के लिए बेहतरीन विकल्प है।

कानाताल

कानाताल कैसे जाएँ –

कानाताल उत्तराखंड के टिहरी जिले में स्थित है। यह उत्तराखंड के बड़े शहरो देहरादून, ऋषिकेश आदि से यातायात के हवाई तथा सड़क मार्ग से जुड़ा है। कानाताल का नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट और नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है।

हवाई मार्ग से –

जॉली ग्रांट हवाई अड्डा कनाटल का निकटतम हवाई अड्डा है, जो अच्छी पक्की सड़कों के साथ कनताल से 92 किमी दूर स्थित है और इसे 3 घंटे के भीतर आसानी से कवर किया जा सकता है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से कनाताल तक टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं। जॉली ग्रांट हवाई अड्डा दैनिक उड़ानों के माध्यम से दिल्ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग द्वारा –

कानाताल से जुड़े दो निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं। देहरादून कनाताल से 85 किमी दूर स्थित है और ऋषिकेश से कनाताल की दूरी 75k एमएस है।इन दोनों गंतव्यों से कनाटल के लिए टैक्सियाँ और बसें उपलब्ध हैं। कनाटल इन दोनों गंतव्यों से मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देहरादून और ऋषिकेश भारत के प्रमुख स्थलों के साथ रेलवे नेटवर्क द्वारा अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।

सड़क मार्ग द्वार –

कानाताल मसूरी-चंबा रोड पर स्थित मोटर योग्य सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है आईएसबीटी कश्मीरी गेट से मसूरी, ऋषिकेश और चंबा के लिए लक्जरी और सामान्य बसें आसानी से उपलब्ध हैं। कनाताल के लिए बसें और टैक्सियाँ उत्तराखंड राज्य के प्रमुख स्थलों जैसे देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और टेहरी, चंबा और मसूरी आदि से आसानी से उपलब्ध हैं।

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments