Thursday, May 15, 2025
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उत्तरायणी मेले का ऐतिहासिक शुभारंभ, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने किया उद्घाटन

बागेश्वर: कुमाऊं की सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक महत्व रखने वाले उत्तरायणी मेले का शुभारंभ सोमवार को कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने दीप प्रज्वलित कर और फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने मेले को संस्कृति का संवाहक बताते हुए इसके ऐतिहासिक, धार्मिक, और व्यापारिक महत्व पर प्रकाश डाला। आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बाबा बागनाथ की भूमि में आयोजित इस मेले को कुमाऊं की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस दिन को कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले स्वतंत्रता सेनानी बीडी पांडे को याद करने का भी दिन बताया।

आयुक्त ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताई और इसके उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशा केवल व्यक्तिगत ही नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या है, जिसे सबके सहयोग से दूर किया जा सकता है।

शुभारंभ के बाद आयुक्त ने नुमाइश मैदान में लगे विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और उनका जायजा लिया। स्थानीय कलाकारों के साथ बाहरी क्षेत्रों से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जो मेले का मुख्य आकर्षण बनीं। स्थानीय विद्यालयों के बच्चों ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का अभिवादन किया।

इस दौरान मंडलायुक्त दीपक रावत ने स्थानीय जनता की मांग पर लोकप्रिय कुमाऊनी गीत “झन दीया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घामा” गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

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राष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो और अन्य खेलों में पदक विजेताओं को आयुक्त द्वारा सम्मानित किया गया। इसके साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने वाले कुंदन प्रसाद और जागर गायिका कमला देवी को भी सम्मानित किया गया।

मेला संरक्षक एवं जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने सभी अतिथियों और मेलार्थियों का स्वागत करते हुए मेले को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की अपील की। उन्होंने बताया कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने बताया कि मेलार्थियों और व्यापारियों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल पूरी तत्परता से तैनात है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव जोशी और जयंत भाकुनी ने किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी व मेलाधिकारी मोनिका, नगर पालिका ईओ मोहम्मद यामीन, हयात सिंह परिहार, भुवन कांडपाल और रघुवीर दफौटी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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उत्तरायणी मेला न केवल कुमाऊं की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करता है, बल्कि व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मेले की सात दिन की अवधि में स्थानीय और बाहरी कलाकारों की प्रस्तुतियां, व्यापारिक गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे क्षेत्र को जीवंत बनाएंगे।

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Pramod Bhakuni
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इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।
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