हल्द्वानी में घूमने की जगह- हलद्वानी उत्तराखंड का एक छोटा सा शहर है। कुमाऊं का द्वार और उत्तराखंड की आर्थिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध यह शहर खास है। वैसे तो यहाँ से आगे प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कुमाऊँ मंडल के द्वार खुल जाते हैं। हल्द्वानी में घूमने लायक कुछ स्थान ऐसे हैं जहाँ आप घूमकर अपना मनोरंजन कर सकते हैं। या यूँ कह सकते हैं यदि आप कुमाऊँ मंडल की यात्रा पर आये हो तो हल्द्वानी के इन स्थानों को अवश्य देखना चाहिए। यहाँ की खूबसूरती और अहसास को महसूस करना चाहिए।
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हल्द्वानी का इतिहास –
हल्द्वानी उत्तराखंड के नैनीताल जिले में 29 डिग्री 13 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 79 -32′ डिग्री पूर्वी देशांतर में समुद्रतल से लगभग 1434 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। कुमाऊं का द्वार नाम से फेमस हल्द्वानी पंद्रहवी शताब्दी से पहले कदम्ब के पेड़ों अलावा बेर ,शीशम ,कंजु ,तुन खैर ,बेल तथा लैंटाना जैसी झाड़ियों और घास का मैदान था। सोलहवीं शताब्दी के बाद राजा रूपचंद के शाशन में स्थानीय पहाड़ी जनमानस ने यहाँ आना शुरू किया था।
अंग्रेजों ने कुमाऊं में ई.गार्डनर को शाशक बनाकर भेजा। गार्डनर ने पहली बार यहाँ सरकारी बटालियन तैनात की। इनके बाद अगले कुमाऊं कमिश्नर जार्ज विलियम ट्रेल ने हल्द्वानी नामक गावं को हल्द्वानी नामक नगर का रूप दिया था। सन 1834 में कमिश्नर जार्ज विलियम ट्रेल द्वारा व्यापारिक मंडी के रूप में स्थपित किया गया। तथा 1860 में हेनरी रैमजे कमिश्नर द्वारा तराई की तहसील का मुख्यालय बनाये जाने तक यह स्थान मात्र एक गांव था। जो अब एक सर्वसम्पन्न शहर बन गया है। हल्द्वानी आज उत्तराखंड की आर्थिक राजधानी है।
हल्द्वानी में घूमने लायक 5 स्थान –
वैसे तो एक छोटा सा शहर है ,लेकिन हल्द्वानी में घूमने लायक कुछ खास स्थान हैं ,जिनकी यात्रा करे बिना आपकी हल्द्वानी की ट्रिप बेकार है। आइये जानते हैं हल्द्वानी के इन पांच स्थानों में अवश्य घूमना चाहिए।
कालू सिद्ध मंदिर –
वैसे तो यह स्थान एक भीड़ भरे कालाढूंगी चौराहे पर स्थित है। लेकिन हल्द्वानी में इस मंदिर की बहुत मान्यता है। कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी का क्षेत्रपाल देवता कहा जाता है। हल्द्वानी वासी अपनी खुशियों और दुःख के समय सबसे पहले कालू सिद्ध बाबा को ही याद करते हैं। कहते हैं अंग्रेजों के समय यहाँ एक सिद्ध बाबा आये उन्हें इस स्थान पर शनि शक्ति का अहसास हुवा ,तब उन्होंने यहाँ पर शनि मंदिर की स्थापना की। शनिवार का विशेष महत्व है यहाँ।
हल्द्वानी में घूमने लायक 52 डांठ नहर –
हलद्वानी में घूमने लायक प्रसिद्ध स्थानों में हल्द्वानी की 52 डांठ नहर सबसे फेमस है। इस नहर की खासियत यह है कि ये कभी हवा में बहती थी। जी हां इस नहर को अंग्रेजों ने 52 पिल्लरों पर हवा में बनाया था। प्रशाशन ने इसका कायाकल्प कर के इसको एक प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कर दिया गया है। यहाँ जाकर आप आराम से ब्लॉग ,रील्स आदि बना सकते हैं। और अंग्रेजो द्वार बनाई गई इस ऐतिहासिक नहर का दीदार कर सकते हैं।
हल्द्वानी की 52 डाँठ नहर के बारे में विस्तार से पढ़े।
गौला बैराज –
हल्द्वानी में घूमने लायक खास स्थानों में से एक है गौला बैराज। वैसे तो हल्द्वानी के पास प्राकृतिक सुंदरता का भंडार नैनीताल जैसा विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन है ,लेकिन आप हल्द्वानी में ही प्राकृतिक सुकून ढूंढ रहे हो तो गौला बैराज सबसे मुफीद जगह है। यह बैराज हल्द्वानी प्रसिद्ध नदी गोला पर बना है। इसके किनारे बना पार्क आपके मन मोहने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
हल्द्वानी में घूमने लायक भुजियाघाट का सूर्या गांव –
हल्द्वानी से सटे काठगोदाम में प्राकृतिक एडवेंचर्स के लिए विकसित यह गांव ,रोमांच के साथ अपनी सुंदरता के लिए भी फेमस है। काठगोदाम से hmt के रस्ते यहाँ पंहुचा जा सकता है। यहाँ पहाड़ी की तलहटी पर कई एडवेंचरस टूरिस्ट स्पॉट विकसित किये गए हैं। यहां विज़िटर्स को एडवेंचर्स एक्टिवटी कराई जाती है।
शीतला देवी मंदिर –
हल्द्वानी में घूमने लायक स्थानों की फेहरिस्त में शीतला देवी मंदिर का स्थान सबसे आगे होना चाहिए। काठगोदाम के पास नैनीताल रोड में स्थित यह मंदिर माँ शीतलादेवी को समर्पित मंदिर है। सौ से भी अधिक सीढ़ियां चढ़ने के बाद मंदिर परिसर में पंहुचा जा सकता है। माँ शीतलादेवी के इस मंदिर में असीम शांति का अनुभव किया जा सकता है। पहाड़ी के बीच मंदिर को काफी खूबसूरती से बनाया गया है। इस मंदिर की नियमित देख रेख भी की जाती है।
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पूर्णागिरि मंदिर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में जानिये।