Author: Pramod Bhakuni

इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।

देवभूमि उत्तराखंड में होती है, भूमिया देवता की पूजा। उत्तराखंड के लगभग हर गांव मे होती हैै। इन्हें भूमि मे उगने वाली फसलों को जंगली जानवरों और प्राकृतिक आपदाओ से बचाने व रक्षा करने के लिए भूमि देवता के रुप मे पूजा जाता है। भूमि देवता के मंदिर आपको हर गाँव में मिलेगा। इस देवता को भूमि का रक्षक देवता माना जाता है। कौन हैं भूमिया देवता – भूमि के देवता के रूप में जिमदार, भूमियाँ व क्षेत्रपाल, इन तीन नामों से पूजा जाता है। भूमिया जो भूमि का स्वामी, गाँव का रक्षक, पशुओं तथा खेती की देखभाल करने वाला…

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कोसी नदी के बीच स्थित माता का अनोखा मंदिर,गर्जिया मंदिर के बारे में – कोसी नदी के बीच स्थित माता का अनोखा मंदिर ‘गर्जिया देवी मन्दिर’ उत्तराखण्ड के सुंदरखाल गाँव में स्थित है।जो माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर छोटी पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। जहाँ का खूबसूरत वातावरण शांति एवं रमणीयता का एहसास दिलाता है। यह मंदिर श्रद्धा एवं विश्वास का अद्भुत उदाहरण है। उत्तराखण्ड का यह अनोखा मंदिर रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।देवी के प्रसिद्ध मन्दिरों में गिरिजा देवी (गर्जिया देवी) का स्थान अद्वितीय है। गिरिराज हिमालय की…

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रानीखेत झूला देवी मंदिर के बारे में :- अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र के चौबटिया नामक स्थान में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक,लोकप्रिय माँ झूला देवी मंदिर रानीखेत शहर से 7 कि.मी. की दुरी पर स्थित एक लोकप्रिय पवित्र एवम् धार्मिक मंदिर है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है एवम् इस मंदिर को झुला देवी के रूप में नामित किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है। यह दुर्गा माता का एक छोटा सा प्राचीन मन्दिर है, जिसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर में माता एक लकड़ी के झूले पर विराजमान है। इसलिए…

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डोल आश्रम ऊंचे-ऊँचे पहाड़ों के बीच तथा हरे भरे घने जंगलों के बीच में स्थित है। ताजी खुली हवा,हरे भरे विशाल पेड़ ,पक्षियों का मधुर कलरव तथा यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि हर किसी का मन मोह ले। प्रकृति की गोद में बसे डोल आश्रम में आने वाले लोगों के मन को एक अजीब सी शांति का अनुभव होता है। यहां आकर वो अपनी सारी परेशानियों को भूलकर डोल आश्रम व यहां की हरी-भरी वादियों के बीच खो जाते हैं। यह जगह मन को बहुत सुकून और शांति प्रदान करती हैं। यहां आकर लोग अपने आप को एकदम…

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उत्तराखंड एक पहाड़ी प्रदेश है। यहाँ की ऊँची नीची पगडंडियों पर माउंटेन बाइकिंग का एक अलग ही आनंद मिलता है। माउंटेन बाइकिंग एक साहसिक पर्यटन है। पहाड़ों की रमणीक वादियों में उबड़ -खाबड़ ट्रेल में ताज़ी हवा के झोकों के साथ हिमालयी चोटियों के मनोरम दृश्यों आनंद लेते हुए साईकिल दौड़ाना एक अनोखा अनुभव होगा। माउंटेन बाइकिंग क्या है ? मॉन्टेन्ट बाइकिंग एक ऑफ़ रोड साईकिल रेस है जिसे उबड़-खाबड़ ऊँचे ,नीची पगडंडियों या पहाड़ियों पर की जाती है। यह एक साहसिक खेल होता है। इसमें विशेष रूप से डिजाइन की गई माउंटेन बाइक( खास साईकिल ) का इस्तेमाल किया…

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स्कीइंग बर्फ से भरी ढलान पर खेला जाने वाला एक साहसिक खेल है। बर्फीली चोटियों की ढलानों पर दुनियाभर के  शौकीन खिलाडी इस साहसिक खेल का आनंद लेते हैं। उत्तराखंड में स्कीइंग – स्कीइंग जैसे साहसिक खेल के शौकीनों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श स्थान है। यहाँ के बर्फीले पहाड़ और उनकी तलहटियाँ इस साहसिक खेल के लिए बिलकुल परफैक्ट हैं। उत्तराखंड में गलेशियरों के बीच के खुले बर्फ के ढलवा मैदान यहाँ अधिक से अधिक स्कीयरों को आकर्षित करते हैं। उत्तराखंड की बर्फीली ढलानों के बीच यह खेल नवंबर से मार्च के बीच खेला जाता है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध…

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उत्तराखंड में कैंपिंग – दुनियाभर में लोग की पहाड़ों में घूमने और पहाड़ों की शांत और सुकून भरी वादियों में अपने जीवन के कीमती पलों को गुजार कर कुछ अलग अनुभव लेना चाहते हैं। कई घुमक्क्ड़ प्रवृति के लोग होते हैं जो पहाड़ों पर ट्रैकिंग ,कैम्पिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। ठीक उसी प्रकार उत्तराखंड भारत में पहाड़ी पर्यटन के लिए अपना अग्रणीय स्थान रखता है। भारत भर के लोग उत्तराखंड की ऊँची -ऊँची पहाड़ियों में ट्रैकिंग, कैंपिंग आदि साहसिक गतिविधियां करने के लिए यहाँ बढ़ चढ़ आते हैं। सभी पहाड़ी साहसिक खेलों के साथ…

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उत्तराखंड अपनी समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के साथ स्वादिष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है। आज इस लेख में कुछ ऐसे  उत्तराखंड के प्रसिद्ध भोजन की चर्चा करेंगे ,जिनका स्वाद आप कभी नहीं भूल सकते हैं। उत्तराखंड के प्रसिद्ध भोजन की सूची कुछ इस प्रकार है – मडुए की रोटी झंगोरा की खीर कंडाली का साग लिंगुड़ा की सब्जी गहत के फाणू चैंस या चैसुवा भट्ट के डुबुक भट्ट की चुरकानी कुमाऊँनी रायता छंछ्या मंडुए की रोटी – रागी अनाज को उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में मडुवा कहते हैं। और गढ़वाल मंडल में कोदा कहा जाता है। उत्तराखंड में यह अनाज…

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केदारनाथ धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है।जो कीसमुद्र तल से 11,746 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम मंदिर तीनो तरफ पहाड़ियों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड है। केदारनाथ धाम का इतिहास यह मंदाकिनी नदी के उद्गगम स्‍थल के समीप है। यमुनोत्री से केदारनाथ के ज्‍योतिर्लिंग पर जलाभिषेक को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। वायु पुराण के अनुसार भगवान विष्‍णु मानव जाति के कल्याण के लिए पृथ्वी…

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मित्रों मसूरी, नैनीताल उत्तराखंड में घूमने लायक पुराने और ज्यादा भीड़ भाड़ वाले हिल स्टेशन बन गए हैं। गर्मी बड़े या ठंड सभी लोग मसूरी और नैनीताल  का रुख करते हैं। जिस कारण वहां भीड़ अधिक बढ़ जाती है। और आदमी एक शांति और सुकून की तलाश में हिल स्टेशन की तरफ आता है, लेकिन इन हिल स्टेशनों में और भी ट्रैफिक जाम परेशानी आदि झेलनी पड़ती है। मित्रों उत्तराखंड का मतलब केवल नैनीताल या मसूरी ही नही है । बल्कि इनके अलावा उत्तराखंड और भी सुंदर और मनोहर हिल स्टेशन हैं। जहां आप सुकून और शांति के साथ मनमोहक…

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