Sunday, April 21, 2024
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अजय कोठियाल – केदारनाथ आपदा से 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव तक।

कर्नल अजय कोठियाल जी के बारे मे –

  • नाम – अजय कोठियाल
  • जन्म – 26 फरवरी 1969
  • जन्मस्थान – टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड
  • पिता – श्री सत्यसरण कोठियाल ( ret. इंस्पेक्टर जनरल BSF )
  • माता – स्व श्रीमती सुशीला कोठियाल
  • पत्नी -कर्नल अजय कोठियाल  अविवाहित हैं।
  • व्यवसाय ( नौकरी ) – भारतीय सेना में कर्नल के    पद पर ( 1992 से 2017 ) , नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य के रूप में भी कार्य किया
  • अन्य कार्य – यूथ फाउंडेशन के निर्माता
  • सम्मान – कीर्ति चक्र , शौर्य चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल
  • वेबसाइट –http://youthfoundationuttarakhand.org/index.html

जन्म ( Birth ) –

अजय कोठियाल का जन्म 26 फरवरी 1969 को टिहरी जिले में हुवा था। कर्नल अजय कोठियाल के पिता श्री सत्यसरण कोठियाल BSF में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर थे। इनकी माता का नाम स्व श्रीमती सुशीला कोठियाल था।

 अजय कोठियाल की शिक्षा – दीक्षा –

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अजय कोठियाल की प्रारम्भिक शिक्षा St.Josephs Academy, Dehradun तथा Brightlands school  एवं केंद्रीय विद्यालय से हुई। DAV  कॉलेज देहरादून से इन्होंने परास्नातक की डिग्री हासिल की। तथा आगे की ट्रेनिंग इन्होंने भारतीय सैन्य संस्थान देहरादून ( Indian military academy ) देहरादून से पूर्ण की।

 कर्नल अजय कोठियाल  का सैन्य जीवन –

DAV देहरादून से परास्नातक पूर्ण करने के बाद अजय कोठियाल ने सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा ( Combined Defence Services exam ) पास करके देहरादून सैन्य अकादमी से ट्रेनिंग लेकर 1992 में गढ़वाल राइफल्स की की चौथी बटालियन में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए। सन 1994 में कर्नल कोठियाल ने High Altitude Warfare School ( HAWS ) से बेसिक माउंटेन वारफेयर का प्रशिक्षण लिया। बिग्रेडियर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में , 2001 में एवरेस्ट पर्वत पर सफलता पूर्वक चढ़ाई करने वाली ,भारतीय सेना में कर्नल कोठियाल भी शामिल थे।

12 मई 2003 को भारतीय सेना ने मेजर कोठियाल के नेतृत्व में , पुलवामा जिले में अपनीं पहली सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमे 7 आतंकवादी मारे थे। इस ऑपरेशन में वे घायल भी हो गए थे। इस वीरता के लिए मेजर कोठियाल को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। और 9 मई  2011 को मेजर कोठियाल ने दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची माउंट मानसूल पर भारतीय ध्वज लहराया। इससे पहले इस चोटी पर किसी भारतीय ने चढ़ाई नही की थी। इस विशेष कार्य के लिए अजय कोठियाल को विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

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2012 में, कर्नल अजय कोठियाल ने भारतीय सेना की 07 महिला अधिकारियों की टीम के साथ , सफलता पूर्वक दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर दूसरी बार सफल चढ़ाई  की। इसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

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अजय कोठियाल - केदारनाथ आपदा से 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव तक।

कर्नल अजय कोठियाल का  सामाजिक जीवन –

सन 2013 में उत्तराखंड में विनाशकारी केदारनाथ आपदा के बाद केदारनाथ क्षेत्र एकदम तहस नहस हो गया था। केदारनाथ  क्षेत्र के पुर्ननिर्माण और उसके पुराने रूप के साथ, इस कार्य मे  कोठियाल जी का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कर्नल कोठियाल और उनकी टीम के भगीरथ प्रयासों से ,आज केदारनाथ अपने पुराने रूप में खड़ा है।

केदारनाथ के पुनर्निर्माण के दौरान कर्नल कोठियाल ने अपनी मदद के लिए , पास के गांव के कुछ युवकों को अपनी टीम में शामिल किया था। तब वहां के स्थनीय निवासियों ने उनसे कहा कि आप सेना में अच्छे पद पर है, आप हमारे बच्चों के सेना में भर्ती करने में मदद कीजिये।

तब कर्नल कोठियाल को लगा, कि पहाड़ के युवकों में सेना में जाने का जज्बा है, लेकिन उचित प्रशिक्षण की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए, एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले  बैच में केवल 11  बच्चे थे। और वे सारे बच्चे सेना में भर्ती हो गए।

2015 में कर्नल अजय कोठियाल ने अपने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को युथ फाउंडेशन के नाम से पंजीयन करा किया।

युथ फाउंडेशन के माध्यम से अब तक कर्नल कोठियाल कई युवाओ को फ़ौज और अर्धसैनिक बलों  में भर्ती करा चुके है। केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान , कर्नल अजय कोठियाल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्रिंसीपल के पद पर भी रहे।।

यूथ फाउंडेशन के माध्य्म से सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, कर्नल अजय कोठियाल ने 2018 में स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ( VRS ) ले ली।

कर्नल कोठीयाल के समर्थक युवा उन्हें प्यार से भोले का फौजी ( bhole ka fouji ) भी बोलते हैं।

इसे भी पढ़े –बद्रीनाथ के बारे में जाने विस्तार  पूर्वक …

राजनीतिक सफर –

सन 2021 में कर्नल कोठियाल ने अपना राजनीतिक सफर शरू किया है। कर्नल अजय कोठियाल ने 21 अप्रैल 2021 को रामनवमी के दिन ,आम आदमी पार्टी का हाथ थाम लिया। वर्तमान में आम आदमी के मुख्य चेहरे के रूप में अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ा रहे हैं।

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Bikram Singh Bhandari
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बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
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