उत्तराखंड में पर्यटन – वैसे तो पूरा उत्तराखंड अपने आप में पर्यटन की जगह है यहा की हर एक चीज अपने आप मैं फेमस है और उसका उसका अपना एक रहस्य है। यहा आपको हर एक जगह पहुच कर आनंद की अनुभूति प्राप्त होगी। 9 नवम्बर 2000 को भारत का 27वें तथा हिमायली क्षेत्रों का 11वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आ गया।
यह उत्तराखण्ड भारत का एक ऐसा प्रदेश है जो कि वैदिककाल से ही भारतीय जीवन में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है और आधुनिक काल में भी अपने गगनचुम्बी हिमशिखरों, वैविध्यपूर्ण अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य एवं पवित्र चारधामों, जनजातीय एवं जनजातीयेतर सांस्कृतिक विविधताओं के कारण भारतीय एवं भारतीयेतर जगत् का आकर्षण केन्द्र बना हुआ है। इसकी सदानीरा सरिताएँ, सघन चीड़, देवदारू, बांज (ओक) की घाटियां, रंग-बिरंगे (फलों से हरित भरित शाद्वल, बुग्याल, जीव एवं वनस्पति वैविध्य सभी कुछ अद्भुत, मोहक व आकर्षक रहा है।
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उत्तराखंड में पर्यटन –
पर्यटन के लिए उत्तराखंड विशेष प्रसिद्ध है। या यूँ कह सकते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन ही यहाँ की मुख्य आर्थिकी है। प्राकृतिक सुंदरता से संपन्न यह राज्य पर्यटन के क्षेत्र अग्रणीय है। यहाँ के प्राकृतिक रूप से समृद्ध पर्यटन स्थलों में नैनीताल ,मंसूरी , मुनस्यारी आदि प्रसिद्ध हैं। इसके साथ -साथ उत्तराखंड का एक समृद्ध पौराणिक इतिहास रहा है। जिस कारण प्राकृतिक पर्यटन के साथ -साथ धार्मिक पर्यटन में भी अग्रणीय है। सनातन धर्म के चारों प्रसिद्ध धाम यहीं स्थित हैं। माँ भगवती के कई प्रसिद्ध शक्तिपीठ यहाँ स्थित हैं।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश का धार्मिक पर्यटन के साथ प्राकृतिक पर्यटन और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय स्थान है। इसके अलावा उत्तराखंड का पहाड़ी भौगोलिकी प्रदेश होने के कारण यहाँ साहसिक पर्यटन की अनगिनत संभावनाएं बन जाती हैं। कार्बेट पार्क और अन्य पार्को और प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवों के मध्य जंगल सफारी का सफर अलग ही आनंद देता है। जो रोमांच और साहस से भरा होता है। उत्तराखंड में पर्यटन का एक अलग ही रोमांचक और यादगार अनुभव रहता है। प्रत्येक नागरिक को उत्तराखंड की यात्रा में आकर यहाँ के पर्यटन स्थलों का आनंद अवश्य लेना चाहिए।
उत्तराखंड में पर्यटन नीति 2018
प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों की द्रष्टि से उत्तराखंड एक संपन्न राज्य है। वर्तमान में पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी के लिए प्रमुख साधन बनता जा रहा है। अतः इस क्षेत्र का तीव्र और बहुआयामी विकास के लिए राज्य सरकार ने सुनियोजित पर्यटन नीति बनाई है। जिसे समय समय पर समयानुसार बदलाव भी करती रहती है। उत्तराखंड में पर्यटन नीति का उद्देश्य उत्तराखण्ड को सुरक्षित, टिकाऊ और विश्वस्तरीय पर्यटन उत्पाद और सेवाओं से परिपूर्ण एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है।
एक सुरक्षित और पर्यटन अनुकूल गंतव्य के रूप में उत्तराखण्ड की छवि को विकसित और सुदृढ़ करना और नए पर्यटन स्थलों का निर्माण तथा अद्वितीय पर्यटन उत्पाद विकसित करना इस पर्यटन नीति- 2018 के मुख्य उद्देश्य हैं। सरकार ने राज्य के हर जिलों में से एक नया पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) प्रत्येक जिले में एक भूमि बैंक स्थापित करेगा। पर्यटन विभाग सभी प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धरोहर पर्यटन स्थलों का हर 2 वर्ष बाद विस्तृत संसाधन मानचित्रण करेगा। और जीआईएस आधारित प्लेटफार्मों पर जानकारी को अद्यतन करेगा।
राज्य के गंतव्यों को जिन प्रमुख थीम में विभाजित किया जा सकता है वे हैं- एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स, क्रूज, याच आदि विरासत,रोपवे,तीर्थाटन,संस्कृति और त्यौहार;स्वास्थ्य,कायाकल्प और आध्यात्मिक एम०आई०सी०ई० टूरिज्म, वन्यजीव, अभयारण्य और पक्षी विहार,इको-टूरिज्म / ग्रामीण पर्यटन बौद्ध तथा प्रकृति और परिदृश्य। पर्यटन को उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार मानकर राज्य में पर्यटन में निवेशको आकर्षित करने के लिए सरकार ने इसे उद्योग का दर्जा दिया है।
उत्तराखंड में पर्यटन नीति 2018 को विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ से Pdf डाउनलोड कर सकते हैं –
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