द्वाराहाट उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। इसे सांस्कृतिक नगरी ,वैराट ,उत्तर की द्वारिका भी कहा जाता है। वैसे द्वाराहाट और द्वाराहाट के पास कई दर्शनीय स्थल हैं उसमे से खास ये 3 स्थल देखने लायक हैं।उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट से 14km दूरी पर है । दुनागिरी से 5 km दूरी पर कुकुछीना पड़ता है। कुकुछीना से लगभग 4 km का पेेदल पथ तय कर के सुुप्रसिद्ध पाण्डखोली आश्रम पहुुँचा जा सकता है। स्व: बाबा बलवन्त गिरी जी ने आश्रम की स्थापना की थी और महावतार बाबा व लाहिड़ी महाशय जैसे उच्च आध्यात्मिक संतों की तपस्थली भी रहा है।
द्वाराहाट के पास देखने लायक दुनागिरी-
रोज चलता है भंडारा –
वैष्णवी रूप में स्थापित है माँ दुनागिरि यहाँ –
इतिहास –
द्वाराहाट के पास दूसरा खास स्थान पांडवखोली –
कुकुछीना से पांडखोली जाने के लिए 4 km का पैदल मार्ग तय कर के पहुँचा जा सकता है। पांडखोली शब्द बना है दो शब्दो से मिलकर पाण्डु जिसका आशय है पांडव ओर खोली का अर्थ होता है आश्रम यानी घर अथार्थ पांडव का रमणीय आश्रय। पांडखोली जाने का मार्ग बाज़ बुरांश आदि पेड़ो से घिरा है। कहते है पांडवों ने अज्ञात वास के दौरान अपना कुछ समय व्यतीत किया था। यही नहीं पांडवो की तलाश में कौरव सेना भी यहां पहुची लेकिन जिस स्थान तक वह पहुची थी उस स्थान का नाम कौरव छीना पड़ा जिसे अब कुकुछीना के नाम से जाना जाता हैं।
पांडुखोली आश्रम से लगा हुआ है सुंदर बुग्याल नुमा घास का मैदान यहा आकर हदय आनंद से भर जाता है। इसे भीम का गद्दा के नाम से भी जाना जाता है। यहा मैदान पर पैर मारने पर खोखले बर्तन भाती और कंपन महसूस किया जा सकता है। आश्रम के प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही मन शांति वातावरण से प्रफुल्लित होने लगता है। आश्रम में रात्रि विश्राम हेतु आश्रम के नियमो का पालन करना होता है। दिसम्बर माह में बाबा जी की पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। ऊंचाई पर स्थित यह एक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थल है।
द्वाराहाट के पास घूमने लायक तीसरा सबसे खास स्थान भटकोट –
भटकोट द्वाराहाट के पास घूमने लायक सबसे खास स्थानों में एक है। यदि आप ट्रैकिंग करना पसंद करते हो तो भटकोट आपके लिए एक नयी डेस्टिनेशन बन सकता है। कुमाऊँ की प्रसिद्ध भटकोट नामक पहाड़ी की उचाई समुद्रतल से लगभग 9086 फ़ीट है। यहाँ टूरिस्ट लोग ट्रैकिंग करने और अल्मोड़ा हिल स्टेशन की रमणीय प्राकृतिक सुंदरता दर्शन करने आते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान् राम के छोटे भाई भरत ने ,राम लक्ष्मण के वनवास काल में यहाँ तपस्या की थी। यदि आप द्वाराहाट की यात्रा पर हैं तो द्वाराहाट के पास घूमने लायक सबसे खास स्थानों में एक है भटकोट।