देहरादून: उत्तराखंड शासन ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी कर पंचायतों में प्रशासकों के कार्यकाल में वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय उन परिस्थितियों में लिया गया है जहाँ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अभी तक संपन्न नहीं हो पाए हैं।
जारी अधिसूचना (संख्या: 30/X-2/2025/86(15)/2013/ई-68985, दिनांक: 09 जून, 2025) के अनुसार, हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत) में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया है।
अधिसूचना में बताया गया है कि वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत (हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130(6) में उपबंधित व्यवस्था के अंतर्गत प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी। इन प्रशासकों की नियुक्ति विभिन्न अधिसूचनाओं (जैसे संख्या-256318/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024, संख्या-260829 दिनांक 12.12.2024, और संख्या-257503/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 30.11.2024) द्वारा की गई थी।
कार्यकाल विस्तार का कारण: अधिसूचना के बिंदु संख्या 2 में स्पष्ट किया गया है कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में प्रशासकों का कार्यकाल क्रमशः दिनांक 27.05.2025, 29.05.2025 और 01.06.2025 को समाप्त हो चुका है। चूंकि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन अभी तक संपन्न नहीं हो पाया है, इसलिए प्रशासकों के कार्यकाल को आगे बढ़ाना आवश्यक हो गया था।
विस्तारित कार्यकाल और आगामी चुनाव: अधिसूचना के बिंदु संख्या 3 में बताया गया है कि हरिद्वार को छोड़कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जून 2025 में प्रस्तावित है। ऐसे में नई/नवीन पंचायतों के गठन तक या आगामी 31 जुलाई, 2025 (जो भी पहले हो) तक कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया है।
किस स्तर पर कौन होगा प्रशासक:
- जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट।
- क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपर जिला मजिस्ट्रेट)।
- ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और जब तक नए चुनाव नहीं होते, प्रशासक अपने पदों पर बने रहेंगे। इस निर्णय से प्रदेश में पंचायत स्तर पर प्रशासनिक कार्य निरंतर जारी रह सकेंगे और चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक कोई व्यवधान नहीं आएगा।