ऊखीमठ: श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सोमवार को श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी चल विग्रह डोली ने शीतकालीन प्रवास स्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर से भव्य पूजा-अर्चना के बाद केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों और “जय केदार, जय भोले” के श्रद्धालुओं के जयघोष के साथ डोली ने अपनी यात्रा शुरू की। इस भावपूर्ण विदाई के साक्षी हजारों श्रद्धालु बने, जिनकी आंखों में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम दिखाई दे रहा था।
आज डोली अपने पहले पड़ाव के लिए रवाना हो गई है और कुछ ही देर में श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद, 29 अप्रैल को डोली सुबह गुप्तकाशी से फाटा के लिए प्रस्थान करेगी और वहां रात्रि विश्राम करेगी। अपनी यात्रा के तीसरे दिन, 30 अप्रैल को, डोली फाटा से आगे बढ़ते हुए श्री गौरामाई मंदिर, गौरीकुंड पहुंचेगी और वहीं रात्रि विश्राम करेगी।
यात्रा के अंतिम चरण में, 1 मई को, पंचमुखी चल विग्रह डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर अपराह्न में श्री केदारनाथ धाम स्थित मंदिर भंडार पहुंचेगी। इसके साथ ही, दो धामों को जोड़ने वाली इस पारंपरिक यात्रा का समापन होगा।
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उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने बताया कि आगामी 2 मई को प्रातः सात बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधिविधान के साथ श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर के कपाट खुलने की तिथि नजदीक आते ही श्रद्धालुओं में उत्साह और उमंग का माहौल है और वे बड़ी संख्या में बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।
इस अवसर पर मंदिर समिति के पदाधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने डोली यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।