Home राज्य नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट के प्रस्ताव के साथ कैबिनेट ने पास किये ये...

नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट के प्रस्ताव के साथ कैबिनेट ने पास किये ये प्रस्ताव

0
नैनीताल हाईकोर्ट
पुष्कर धामी

बुधवार 16 नवंबर 2022 को उत्तराखंड सरकार ने कई अहम प्रस्ताव पास किये, जिनमे प्रमुख है, नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट होने का प्रस्ताव पर मुहर। प्राप्त सुचना के आधार पर जल्द नैनीताल हाईकोर्ट हल्द्वानी शिफ्ट होगा। इसके अलावा इन प्रमुख प्रस्तावों पर धामी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। उत्तराखंड कैबिनेट ने धर्मांतरण कानून को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने चंपावत में नया RTO ऑफिस खोलने पर मुहर लगाई है। उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन 2022 प्रख्यापन और अग्निशमन नियमावाली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड सरकार कैबिनेट बैठक में कुल 29 प्रस्ताव लाए गए। उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को यूपी से सख्त करने की बात कही गई। इसे संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है. इसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। जल्द ही इस संबंध में विधानसभा में लाया विधेयक लाया जाएगा। सरकार ने अपनी सरकार पोर्टल के लिए भर्ती प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जल विद्युत परियोजनाओं के लिए टीएचडीसी और UGVNL के बीच उपकरण बनाए जाएंगे। राज्य में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर के लिए 2000 वर्ग गज भूमि निशुल्क दी जाएगी। नजूल भूमि विधायक 2021 को वापस लिया गया है और संशोधित विधेयक सदन में लाया जाएगा। कूड़ा फेंकना अधिनियम लागू किया गया। RWD की राशि को 15 करोड़ से बढ़कर असीमित किया गया।  एडिशनल सब इंस्पेक्टर के पद को स्वीकृत किये गये। जिनका पे-ग्रेड 4200 होगा. केदारनाथ धाम में ॐ मूर्ति की स्थापना की जाएगी।

इन्हे भी पढ़े _

इतिहास में पहली बार गढ़वाल और कुमाऊं के दिग्गज गायकों ने एक साथ गाया ,”बेडु पाको बारोमासा “
” ऊचेण ” एक ऐसी भेंट जो कामना पूरी होने के लिए देवताओं के निमित्त रखी जाती है।
जागुली -भागुली देवता, चंपावत कुमाऊं के लोकदेवता जिनके मंदिर में गाई और माई का प्रवेश वर्जित होता है।
मै एक पहाड़ी छू , कुमाउनी गीत को मिल रहा लोगो का प्यार

Previous articleजौलजीबी मेला ग्राउंड में ऐतिहासिक जौलजीबी मेला
Next articleएक कौए के नौ कौवे, कुमाउनी लोक कथा | एक कवोक नौ काव
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

Exit mobile version