Wednesday, May 21, 2025
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ईजा शब्द का अर्थ (Meaning Of Ija)

ईजा शब्द का प्रयोग उत्तराखंड की कुमाउनी भाषा में माँ के लिए किया जाता है। इस शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है। इस शब्द का माँ को सम्बोधित करने  लिए प्रयोग के साथ-साथ कुमाउनी जीवन में भी इस शब्द का बहुताय प्रयोग किया जाता है। किसी मुसीबत के समय ,खुशी व्यक्त करने अन्य सवेदनाएँ जिनके लिए ईजा शब्द का प्रयोग होता है।

इसके अलावा पहाड़ों में सहानुभूति के साथ वार्तालाप करने के लिए भी इस शब्द का प्रयोग होता है। इस प्रकार के वार्तालाप का प्रयोग पहाड़ की महिलाएं अधिक करती हैं। जैसे – अपने से छोटे से कुशल पूछते हुए, भल हेरेछे इजा भोजन के लिए बुलाने के लिए, खाण खे लेह इजा

इस शब्द का ऐसा जादू है ,जिस लाइन के पीछे ये  इजा शब्द लग जाता है ,उस लाइन को करिश्माई बना देता है। मीठी शहद की तरह दिल को छू जाती है ये लाइन।

ईजा शब्द का अर्थ ( Meaning of Ija )-

कुछ लोग इस शब्द का अर्थ इस प्रकार बताते हैं, ” ई का मतलब  ईश्वर और जा का मतलब जन्म देने वाली या जनने वाली अर्थात जन्म देने वाला ईश्वर या ईजा का सीधा मतलब होता है भगवान्। इसके अलावा कई विद्वानों का मत है कि यहाँ जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य जी के साथ कई मराठी ब्राह्मण भी आये , जो धीरे -धीरे यहीं बस गए।

चूँकि मराठी में माँ को आई बोलते है इसलिए कई लोग मानते हैं कि  ईजा शब्द मराठी के आई का अभ्रंश है। आई शब्द ओई शब्द बना और फिर बना ओईजा या ईजा। कुमाऊं में कही कही माँ को सम्बोधन के लिए इजा के साथ -साथ ओई का प्रयोग भी करते हैं।

कुमाऊनी भाषा का अच्छा ज्ञान रखने वाले नाजिम अंसारी जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर  ईजा शब्द के बारे में बड़ी ही तार्किक जानकारी प्रस्तुत की है। जो साभार इस प्रकार है –

“इज,  इजा, ईजा. इजी, इजू ,इ,ओई,ओइजा आदि कुमाउंनी के मूल और प्राचीन समय से प्रयुक्त शब्द हैं जिनकी व्युत्पत्ति के विषय में निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. इजा का अर्थ जन्म देने वाली मां,मातृ तुल्य मानी गयी स्त्री,संरक्षिका आदि है . अंग्रेज़ी का aegis संरक्षकत्व बोधक शब्द इसी मूल से बना है क्योंकि इसका भी अर्थ है to protect ,to support अर्थात संरक्षण या सहारा देने वाली — जननी, मां, माता, ममतामयी संरक्षिका –मिस्र का अंग्रेज़ी नाम इजिप्ट है,रोमनकाल में इसका नाम था मद्रिया,मातृया –इजिस यहाँ की मातृ देवी और Ptah प्रजापति के प्रतीक हैं

इन दोनों नामों के योग से बना इजिप्ट –इजि +प्तः — Egypt चूँकि इजि शब्द यहां भी मां मातृदेवी के लिए प्राचीन समय से प्रचलित रहा है और कुमाउनी में भी, इसलिए इस शब्द की व्युत्पत्ति के विषय में इतना ही कहा जा सकता है कि यह शब्द भारत के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में और समुद्र पार मिस्र में भी एक ही अर्थ में प्रचलित था .”

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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