देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि 26 जुलाई, 2025 तक समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत सभी विवाह पंजीकरण निःशुल्क किए जाएंगे। यह कदम उन हजारों जोड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान करेगा, जिन्होंने अभी तक अपने विवाह का पंजीकरण नहीं कराया है, और राज्य में UCC के प्रभावी कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह विशेष विंडो अवधि उन सभी विवाहों पर लागू होगी, जो उत्तराखंड में संपन्न हुए हैं, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से संबंधित हों। सरकार का उद्देश्य इस अवधि का उपयोग करके यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोग अपनी वैवाहिक स्थिति को कानूनी रूप से पंजीकृत करा सकें और भविष्य में होने वाली किसी भी कानूनी या प्रशासनिक जटिलता से बच सकें।
क्या है इसका महत्व?
- जनता को राहत: पंजीकरण शुल्क से छूट सीधे तौर पर आम जनता को वित्तीय लाभ पहुंचाएगी, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
- UCC का सुचारू कार्यान्वयन: यह पहल UCC के तहत विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।
- कानूनी सुरक्षा: पंजीकृत विवाह जोड़ों और उनके बच्चों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिसमें विरासत, संपत्ति के अधिकार और अन्य वैवाहिक लाभ शामिल हैं।
- डेटा संग्रह: यह सरकार को राज्य में विवाहों का एक व्यापक और सटीक डेटाबेस बनाने में भी मदद करेगा, जो भविष्य की नीतियों और योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।
पंजीकरण प्रक्रिया:
नागरिक अपने विवाह का पंजीकरण संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालयों, तहसील कार्यालयों या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से करा सकेंगे। आवश्यक दस्तावेजों में पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण, विवाह समारोह का प्रमाण और गवाहों के विवरण शामिल होंगे। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया को यथासंभव सरल और परेशानी मुक्त बनाएं।
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विभिन्न नागरिक संगठनों और समाज कल्याण समूहों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह एक प्रगतिशील कदम है जो न केवल UCC के सिद्धांतों को मजबूत करेगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और कानूनी जागरूकता को भी बढ़ावा देगा।
हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 26 जुलाई के बाद विवाह पंजीकरण के लिए निर्धारित शुल्क लागू होंगे। इसलिए, यह सभी पात्र जोड़ों के लिए एक सुनहरा अवसर है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और अपने विवाह को कानूनी रूप से मान्य कराएं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य के नागरिक इस अवसर का कितना लाभ उठाते हैं और उत्तराखंड किस तरह से UCC के तहत विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित करता है।