होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है। भारत में हर समाज समुदाय के लोग अपने अपने अंदाज में होली की खुशिया मनाते हैं। यहाँ सबसे अधिक बरसाने की लठ मार होली प्रसिद्ध है ,उसके बाद उत्तराखंड की कुमाउनी होली प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में वैसे तो बैठकी होली पौष मास से शुरू हो जाती है। और मार्च में रंग एकादशी से खड़ी होली शुरू हो जाती है , जो होलिका दहन तक चलती है। इन बैठकी और खड़ी होलियों में ,शास्त्रीय होलियां गायी जाती है। इन होली गीतों में अवधि और उर्दू का प्रभाव दिखता है। होली के दिनों में पूरा उत्तराखंड होली के रंगों में डूबा रहता है। हर जगह होली गीतों का आयोजन चलता है। इस लेख में हम आपके लिए कुछ कुमाऊनी होली गीत के बोल kumauni holi lyrics लाएं हैं। इन्हें पढ़कर होली गायें।
कुमाउनी होली गीत , ” शिव के मन माही बसे काशी ” | Kumauni Holi song lyrics , | shiv ke man mahi base kashi.

उत्तराखंड में होली के शुरुआत, मंदिरों से होती है। मंदिरों मे भगवान शिव की प्रसिद्ध होली जरूर गाई जाती है। देखिये प्रसिद्ध कुमाऊनी होली गीत –
शिव के मन माही बसे काशी -2
आधी काशी में बामन बनिया,
आधी काशी में सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी
काही करन को बामन बनिया,
काही करन को सन्यासी।।

शिव के मन माही बसे काशी
पूजा करन को बामन बनिया,
सेवा करन को सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी
काही को पूजे बामन बनिया,
काही को पूजे सन्यासी।
शिव के मन माही बसे काशी
देवी को पूजे बामन बनिया,
शिव को पूजे सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी।
क्या इच्छा पूजे बामन बनिया,
क्या इच्छा पूजे सन्यासी,
शिव के मन माही बसे काशी
नव सिद्धि पूजे बामन बनिया,
अष्ट सिद्धि पूजे सन्यासी।
शिव के मनमाही बसे काशी
कुमाऊनी होली के गीत , जल कैसे भरू जमुना गहरी | Kumaoni holi song lyrics | Jal kaise bharun jamuna gahari
जल कैसे भरू जमुना गहरी -2
जल कैसे भरू जमुना गहरी- 2
ठाड़ी भरू राजा राम जी देखे
हे ठाडी भरू राजा राम जी देखे
बैठी भरू भीजे चुनरी…….जल कैसे भरू जमुना गहरी
होली है ………..
जल कैसे भारू जमुना गहरी-2
धीरे चलू घर सास है बुढ़ी
हे धीरे चलू घर सास है बुढ़ी
धमकि चलु छलके गगरी…….जल कैसे भरू जमुना गहरी -2
जल कैसे भरू जमुना गहरी-2
गोदी पर बालक सिर पर गागर,
हे गोदी पर बालक सिर पर गागर
पर्वत से उतरी गोरी…जल कैसे भरू जमुना गहरी -2
जल कैसे भरू जमुना गहरी-2

कुमाऊं की प्रसिद्ध होली ,” जोगी आयो शहर मा ब्योपारी ” | kumauni holi geet | jogi aayo shahar maa byopari
जोगी आयो शहर में ब्योपारी -2
अहा ! इस व्योपारी को भूख बहुत है,
पुरिया पकै दे नथ-वाली…….
जोगी आयो शहर में ब्योपारी । -2
अहा! इस ब्योपारी को प्यास बहुत है,
पनिया-पिला दे नथ वाली….
जोगी आयो शहर में ब्योपारी -2
अहा ! इस ब्योपारी को नींद बहुत है,
पलंग बिछाये नथ वाली ……
जोगी आयो शहर में ब्योपारी -2
कुमाउनी होली आशीष गीत | कुमाऊनी होली गीत | Kumauni holi lyrics in hindi –
होली के समापन पर होलियार लोग आशीष गीत गातें हैं , जो इस प्रकार है।
गावैं ,खेलैं ,देवैं असीस, हो हो हो लख रे
बरस दिवाली बरसै फ़ाग, हो हो हो लख रे।
जो नर जीवैं, खेलें फ़ाग, हो हो हो लख रे।
आज को बसंत कृष्ण महाराज का घरा, हो हो हो लख रे।
श्री कृष्ण जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
यो गौं को भूमिया जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
यो घर की घरणी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
गोठ की घस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
पानै की रस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे
गावैं होली देवैं असीस, हो हो हो लख रे॥
कुमाऊं की होली गीत , “सिद्धि को दाता विध्न विनाशन || Sidhi ko data holi
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन,
होली खेलें गिरजापति नन्दन।
गौरी को नन्दन, मूसा को वाहन ।
होली खेलें…………….
लाओ भवानी अक्षत चन्दन,
पूजूँ मैं पहले जगपति नन्दन ।
होली खेलें………………….
गज मोतियन से चौक पुराऊँ,
अर्घ दिलाऊँ पुष्प चढ़ाऊँ ।
होली खेलें…………
डमरू बजावै संभु-विभूषन,
नाचै गावैं भवानी के नन्दन ।
होली खेलें………..
एकादशी के दिन गायी जाने वाली कुमाऊं की होली के बोल | kumaoni holi song
तुम सिद्धि करो महाराज, होली के दिन में।
गणपति गौर महेश मनावें, पर-पर मंगल काज, होली के दिन में तुम..
राधा कृष्ण सकल बृजवासी, राखो सबकी लाज।
राम लछीमन भरत शत्रुघ्न, रघुकुल के सिरताज।
ब्रह्मा विष्णु महेश मनावें, घर-घर गावें फाग।
ब्रह्मा विष्णु सदा प्रतिपालक, खग दुःख को
इन्द्रादिक सुर कोटि तैंतीसा, राखो सबकी लाज।
बालक वृद्ध सब होली खेलें, खेलत सब बृज नारा।
9पाचों पांडव होली खेलें, खेलत द्रोपति नार।
राम जी खेलें लछीमन खेलें, खेलत सीता नारि (माई) |
जगदम्बा नव दुर्गा देवी, राखो हमरि लाज।
अबीर गुलाल के थाल सजे, घर-घर उड़त गुलाल ।
प्रसिद्ध कुमाउनी होली गीत,हरि खेल रहे होली || Hari khel rahe holi song lyrics in hindi
कुमाऊनी होली गीत
हरि खेल रहे हैं होली, देवा तेरे द्वारे में …..
टेसू के रंग में रंगे कपोल हैं, चार दिशा दिशा फाग के बोल हैं,
देवा तेरे द्वारे में …..
उड़त अबीर गुलाल, देवा तेरे द्वारे में …..
हरि खेल रहे होली , देवा तेरे द्वारे में …..
हाथ लिए कंचन पिचकारी,गावत खेलत सब नर नारी,
भीग रहे होल्यार, देवा तेरे द्वारे में …..
हरि खेल रहें हैं होली , देवा तेरे द्वारे में …..
भाग कि मार पड़ी उसके सर, कौन अभाग है शिव शिव हर हर,
कैसा है लाचार, देवा तेरे द्वारे में …..
हरि खेल रहें हैं होली , देवा तेरे द्वारे में …..
गिरिका भी खेलें बची का भी खेलें,
बचुली सरुली और परुली भी खेलें,
कौन करे इंकार, देवा तेरे द्वारे में। …
हरि खेल रहे हैं होली, देवा तेरे द्वारे में।
कुमाउनी होली – मत जाओ पिया होली आई रे || mat jao piya holi aayi rahi kumauni holi lyrics
मत जाओ पिया होली आई रही, मत जाओ पिया होरी आई रही।
आई रही ऋतु जाई रही, मत जाओ पिया !
पाँव पहूँगी हाथ जोहूँगी, बाँह पकड़ के मनाय रही।
मत जाओ पिया ! आगे सजना पीछे सजनी,
पाँव में पाँव मिलाय रही । मत जाओ पिया !
जिनके पिया परदेश बसत हैं ……
उनकी नारी सोच मरी। मत जाओ पिया !
जिनके पिया नित घर में बसत हैं, उन की नारी रंग भरी,
मत जाओ पिया …. !
मत जाओ पिया होली आई रही,
मत जाओ पिया होली आई रही।।
कुमाउनी होली मोहन गिरधारी रे लिरिक्स || han han Mohan girdhari re kumaoni holi lyrics
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी, हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी !
ऐसो अनाड़ी चुनर गयो फाड़ी, ओ हो हंसी हंसी दे गयो गारी, मोहन गिरधारी !
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी !
चीर चुराय कदम चढ़ि बैठो,पातन जाय छिपोई, मोहन गिरधारी ।
हाँ हाँ हाँ मोहन !
बांह पकड़ मोरि अंगुली मरोड़ी, नाहक राड़ मचाय, मोहन गिरधारी ।
हाँ हाँ हाँ मोहन !
दधि मेरो खाय मटकी मेरी तोड़ी, हंसी हंसी दे गयो गारी, मोहन गिरधारी ।
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी !
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा || Kaile bandhi cheer ho Raghunandan raja kumauni holi lyrics
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
गणपति बांधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
ब्रह्मा, विष्णु बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
शिव शंकर बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
रामचन्द्र बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
लछीमन बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी !
श्रीकृष्ण बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी !
बलीभद्र बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी !
नवदुर्गा बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी!
भोलानाथ बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी !
इष्टदेव बाँधनी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी!
सबै नारी छिड़कत गुलाल, हो रघुनन्दन राजा । कैले बांधी ।।
एकादशी को गाई जाने वाली कुमाउँनी होली लिखित में || Kumauni Holi lyrics
भर गये ताल तलैया, बह गये सागर नीर।
प्रथम पड़वा भजलें, गणपति गौरा लाल।
दूजो दामोदर पूजन, चल सखि बृज की न
तीन लोक भुव नाचे, गावै हरि के फाग।
चार चर्तुभुज भैया, भरतै लछिमन राम।
पांचो परव हरी के, गावें हरि के द्वार।
षष्ठी गमन न कीजै मात-पिता की आन ।
सप्तम ब्रह्मा पहुचे, सप्त ऋषि के पास।
आठो परब अठासी, जुड़ गये छत्तीस राठ।
नवमी के नारायण, हंसा उडि आकाश ।
दशमी के दस मस्तक, छेदे लछिमन राम।
एकादशी के धोखे, सब सखि पूजन जाय।
द्वादशी के धोखे, कुँवर करे ज्यों नार।
त्रियोदशी दस पातक, जन्मे अंजनि पूत।
चौदस ब्रह्मा बसि गये, चर्तुदशी के घाट।
पूरणमासी पूरण भई चंदा बसे आकाश ।
जो गावै यह होली, ता घर शम्भु समाय।
द्वादशी को गाई जाने वाली कुमाउँनी होली लिखित || Kumaoni Holi lyrics collection
हो रही जै-जै कार री कोई जन्म घरो यदुनन्दन को
बारहों चौकी राजा की, नगर फिरे कुतवाल री कोई
बासुदेव बन्दीय पडे, लगि रहे बज्र किवाड़ री कोई।
हाथों में हथगेडी पड़ी, पांव पड़ी जंजीर री कोई।
बूंद पड़न तब से लागी, बरसन लागे मेघ री कोई।
भर भादों की रात्रिय में, कृष्ण लियो अवतार री कोई
बारहों चौकी सोई गयी, सोई गये कुतवाल ।
होली शुभ होली शुभ होली शुभ होली शुभ होली शुभ होली शुभ होली शुभ होली शुभ होती
बासुदेव बन्दीय खुली, खुलि गये बज्र किवाड़।
हाथों की गथगेड़ी खुली, पांव खुली जंजीर।
बूँद पड़न तबसे लागी, बरसन लागे मेघ।
ले बालक बसुदेव चले पहुँचे यमुना तीर ।
तल ही की यमुना तल बही मल ही की यमुना धम रही।
बीच में पड़ गयो रेत री कोई जन्म धरो यदुनन्दन को।
ले बालक वसुदेव चले पहुँचे गोकुल जाय।
नन्द के घर कन्या जन्मी, बालक बदलो जाय।
चतुर्दशी को गाई जाने वाली कुमाउँनी होली || Kumaoni Holi in Uttarakhand
कां देवी को तेरो थान कां देवी आली भवानी।
पुर्णागिरी तेरो थान यां देवी आली भवानी।
देवीधूरा तेरो थान यां देवी आली भवानी।
उच्चाधूरा तेरो थान यां देवी आली भवानी।
हर हर पीपल पात लाल ध्वजा फहरानी
सर- सर बाकुरि खाय यो देवी कां ना अधानी
शम्भु निशम्भु को मार यो देवी कां ना अधानी।
महिषासुर को मार यां देवी कां ना अधानी ।
चतुर्दशी , पूर्णिमा, छरदी के दिन की होली || Kumaoni Holi in Hindi
क्यों तू भई है उदास राधिका, तेरे अंगना हरि आयेंगे।
अंगना झाड़ि बटोर राधिका, तेरे अंगना हरि आयेंगे।
कच्चे गोबर अंगना लिपाये, मोतियन चौक पुराय। राधिका.
राधिका………
गज मोतियन से चौक पुरायी, सोने के कलश भराय। राधिका…..
धूप दीप नैवेद्य आरती, सखियन मंगल गाय | राधिका……
घर घर सखियां रंग उडावें होली एकादश गाय। राधिका………
ढोल बजावत हैं सब सखियां, सब आनन्द मनाय। राधिका..
कुमाउनी बैठकी होली lyrics -1 || kumauni baithak holi lyrics
कुमाऊनी होली गीत
सुरमा नारि अकल तेरी कां गै छः।। २।।
मै भली हूँ भली भलो गात छः
ऊँना सूरज जसि मेरी ज्योति छः ।। सुरमा………
मैं कुंवारी भलो मेरो रूप छः।।
मेरो रूप देखि इन्द्र झुकि जां छः।। सुरमा….
लखन मानि जा वर योग्य छः।।
क्रोध की हंसी लखन आ रौ छः।। सुरमा….
सुरमा नारि रंग रस में छकि रै छः।।
नाक काट लिगै अब भल भै छः।। सुरमा …..
कुमाउँनी बैठक होली लिरिक्स -2 || kumauni baithak holi geet
बंसी शब्द सुनादे कन्हैया, बंशी शब्द।
काहिन की तेरी बंशी कन्हैया, बंशी शब्द।
काहिन को तेरो राधा राधा बेन राधा वे, बंशी शब्द
लोहे के मेरो बेन राधा वे, बंशी शब्द।
के सुर बाजे बंशी कन्हैया, बंशी शब्द।
छ: की बाजे बंशी कन्हैया, बंशी शब्द।
नौ सुर बाजे बेन राधा वे, बंशी शब्द।
कै लख की तेरो बेन कन्हैया, बंशी शब्द।
कै लख तेरो बेन राधा वे, बंशी शब्द।
लाख टका की बंशी कन्हैया, बंशी शब्द।
अनमोलन मेरो बेन राधा वे, बंशी शब्द।
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