खुशी जोशी: कुमाऊं की मशहूर लोक गायिका – खुशी जोशी दिगारी ( khushi joshi digari biography) उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की एक प्रसिद्ध लोक गायिका हैं, जिनकी मधुर आवाज और पारंपरिक संगीत के प्रति समर्पण ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बनाया है। उनके गीत न केवल सुनने वालों को झूमने पर मजबूर करते हैं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी जीवित रखते हैं। यह लेख खुशी जोशी के जीवन, संगीत करियर, और उनके योगदान को विस्तार से प्रस्तुत करता है। यह जीवनी उच्च गुणवत्ता वाली, SEO अनुकूल, और सटीक तथ्यों पर आधारित है, जो उनके प्रशंसकों और उत्तराखंडी संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी होगी।
Table of Contents
खुशी जोशी का प्रारंभिक जीवन और परिवार :-
खुशी जोशी दिगारी (khushi joshi digari biography) का बचपन पहाड़ के एक ऐसे परिवार में बीता, जहाँ संगीत और संस्कृति को विशेष महत्व दिया जाता था। वह अपनी दादी और नानी से गहरे तौर पर प्रभावित हुईं, जो पारंपरिक कुमाऊंनी लोकगीत जैसे झोड़ा, चाचरी, न्यौली, भगनोल, और छपेली गाया करती थीं। इन गीतों ने खुशी के मन में संगीत के प्रति रुचि जगा दी और उन्हें अपनी जड़ों से जोड़े रखा।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पहाड़ से पूरी की। बचपन में, खुशी शौकिया तौर पर गाती थीं और धीरे-धीरे अपने गायन कौशल को निखारा। उनके परिवार ने उनके सपनों को पूरा करने में पूरा सहयोग दिया, खासकर उनके पति गोविंद ने, जो उनके करियर में एक मजबूत सहारा बने। गोविंद का समर्थन खुशी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा, जिसने उन्हें संगीत की दुनिया में आगे बढ़ने में मदद की।
खुशी जोशी का संगीत करियर :-
खुशी जोशी ने अपने संगीत करियर की शुरुआत स्थानीय स्तर पर की। उन्होंने उत्तराखंड के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों में हिस्सा लिया, जहाँ उनकी मधुर आवाज और पारंपरिक कुमाऊंनी संगीत की समझ ने उन्हें जल्द ही लोकप्रिय बना दिया। उनके गीतों में कुमाऊं की संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है, जो लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ती है।
उनके गाने उत्तराखंड के साथ-साथ देश और विदेश में भी पसंद किए जाते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से उनके कई गीत वायरल हुए हैं, जिसने उनकी पहचान को और बढ़ाया। खुशी का मानना है कि व्यक्ति अपनी जड़ों से कभी अलग नहीं हो सकता, और यही सोच उनके संगीत में झलकती है। वह पुरानी परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
खुशी जोशी का योगदान और भविष्य की योजनाएँ :
खुशी जोशी ने कुमाऊंनी लोक संगीत को पुनर्जनन देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह न केवल एक गायिका हैं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति की संरक्षक भी हैं। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही नई परियोजनाओं पर काम कर रही हैं, जिनमें पुराने समय के गीतों को शामिल किया जाएगा। इनमें जच्चा-बच्चा, शादी-विवाह, ननद-भाभी, और जनेऊ जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले पारंपरिक गीत होंगे, जो अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं।
उनका यह प्रयास उत्तराखंड की संस्कृति को संरक्षित करने के साथ-साथ इसे वैश्विक मंच पर ले जाएगा। खुशी जोशी का योगदान उन्हें कुमाऊं की एक प्रमुख सांस्कृतिक दूत के रूप में स्थापित करता है।
खुशी जोशी दिगारी ( khushi joshi digari ) के सोशल मीडिया प्रोफाइल :
खुशी जोशी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं और अपने प्रशंसकों के साथ जुड़ी रहती हैं। उनके आधिकारिक प्रोफाइल निम्नलिखित हैं:
- यूट्यूब : https://youtube.com/@khushijoshiofficial?si=ywIM6nOOvgxi1rpx
- इंस्टाग्राम : https://www.instagram.com/khushijoshidigari?igsh=MW1tcWM2ZGNsZ2VrYQ==
- फेसबुक ऑफिशियल – https://www.facebook.com/khushijishisinger?mibextid=ZbWKwL
निष्कर्ष :
खुशी जोशी एक ऐसी गायिका हैं, जिनके गीतों में कुमाऊं की मिट्टी की खुशबू और संस्कृति की गहराई समाई है। वह अपनी प्रतिभा और समर्पण के दम पर उत्तराखंडी लोक संगीत को नई ऊँचाइयों तक ले जा रही हैं। उनकी जीवनी हमें सिखाती है कि संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संस्कृति को संजोने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम भी है।
खुशी जोशी के भजन लिरिक्स ( khushi joshi bhajan lyrics ) –
खुशी जोशी पहाड़ी लोक गीत के साथ साथ पहाड़ी भजन भी गाती है। यूट्यूब में ख़ुशी जोशी के कुमाऊनी भजन काफी प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ ख़ुशी जी के भजन लिरिक्स ( khushi joshi lyrics in hindi ) पोस्ट कर रहे हैं। उसके साथ उनके कुछ वीडियो लगा रहें हैं ,अच्छे लगे तो शेयर अवश्य करें।
खुशी जोशी का दुर्गे मैया वे गीत के बोल –
दुर्गे मैया वे… .नौ दिन नवराता तेरी जोत जली रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
जोत जली रे. . मैया भली लागि रे ..
जोत जली रे. . मैया भली लागि रे .
मेरी मैया रे ….. नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
माठु – माठु जूलो मै माँ को भवना …..
जम्मू जैबेर मैया वैष्णो रूप धारी।
जम्मू जैबेर मैया वैष्णो रूप धारी।
वैष्णो रूप धारी मैया सारा जग तारी …
वैष्णो मैया वे. ..जय माता दी जय माता दी जयकार लागि रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
माठु – माठु जूलो मै माँ को भवना …..
हरिद्वार जैबे मैया मनसा रूप धारो।
मनसा रूप धारो मैया सारा जग तारो।
हा…. मनसा मैया वे , गंगा का किनारा त्यारा द्वार सजी रो।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
माठु – माठु जूलो मै माँ को भवना …..
अल्मोड़ा जैबेर मैया नंदा रूप धारो।
नंदा रूप धारो मैया सार पहाड़ तारो।
नंदा मैया वे.. पहाड़ों का डाना त्यारा थान सजी रे।
सुनंदा मैया वे ..नौ दिन नौ रात तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
माठु – माठु जूलो मै माँ को भवना …..
नैनीताल जैबेर मैया नैना रूप धारो।
नैना रूप धारो मैया सार पहाड़ तारो।
मेरी नैना मैया वे पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौराते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
माठु – माठु जूलो मै माँ को भवना …..
पांखू जैबेर कोटगाड़ी रूप धारो।
कोटगाड़ी रूप धारो ,मैया सार पहाड़ तारो।
कोटगाड़ी मैया रे पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
गंगोलीहाट जैबे काली रूप धारो।
महाकाली रूप धारो मैया सारा जग तारो।
मेरी काली मैया रे , पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
महाकाली मैया रे …. नौ दिन नौ राता तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
रामनगर जैबे मैया गर्जिया रूप धारो।
गर्जिया रूप धारो मैया उत्तराखंड तारो।
मेरी गर्जिया मैया रे , पहाड़ों का डाना तेरा थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
टनकपुर जैबे मैया पूर्णा रूप धारो।
पूर्णा रूप धारो मैया , सार पहाड़ तारो।
पूर्णा मैया रे , पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना ….
देवीधुरा जैबेर वाराही रूप धारो।
वाराही रूप धारो मैया सारा जग तारो।
वाराही मैया रे , पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना …
रानीखेत जैबेर मैया झूला रूप धारो।
झूला रूप धारो मैया ,सारा जग तारो।
ओ मेरी झूला मैया वे , पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना …
पिथौरागढ़ जैबे मैया गुरना रूप धारो।
गुरना रूप धारो मैया सोरयालों कई तारो।
ओ मेरी गुरना मैया वे ,पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना …
द्वारहाट जैबेर मैया दूना रूप धारो।
दूना रूप धारो मैया दोरयालों को तारो।
ओ मेरी दूना मैया वे ,पहाड़ों का डाना तेरी थान सजी रे।
भवानी मैया रे ..नौ दिन नौ राते तेरी जोत जली रे।
कोरस – सुरसुरु जूलो मै माँ को भवना …
खुशी जोशी का प्रसिद्ध पहाड़ी भजन ,” ओ मैया भवानी मैया “
खुशी जोशी जी का एक दूसरा प्यारा नवरात्री का भजन है ,”ओ मैया भवानी मैया ” यहाँ देखिये ख़ुशी जोशी के प्रसिद्ध भजन के बोल ( khushi joshi lyrics in hindi ) और अंत में देखिये इस पहाड़ी भजन का वीडियो –
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
मेरी मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी,
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
दैणा हैयी जाए मैया, त्येरी खुटी सलामी ।।
जय हो ………
ओ मैया भवानी मैया .. ओ मैया भवानी
दैणा होई जाए मैया, त्येरी खुटी सलामी।।
पाखु की कोटगाड़ी मैया बड़ी न्यायकारी ।
पाखु की कोटगाड़ी मैया बड़ी न्यायकारी ।
हाट की माँ महाकाली रखिये सुखयारी।।
बड़ी न्यायकारी मैया ..
रखिये सुखयारी मैया …..
गुरना मैया, सौरयालों की सुण लिया पुकारा।
देवीधुरा बाराही मैया ,त्येरी जै जै कारा।।
रानीखेता में झूला देवी बड़ी वरदानी ।
अल्मोड़ा कसार देवी नंन्दा महारानी ।।
जय हो ….
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
मेरी मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी,
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
दैणा हैयी जाए मैया, त्येरी खुटी सलामी ।।
हल्द्वानी माँ शीतला ले करी छत्र छाया ।
शाकोट की उल्का मैया त्येरी लागी रे माया ।।
करी रे छाया .. त्येरी छत्र छाया …
कर रखिये छाया …..
कुंजापुरी सुरकंडा को टिहरी में छो वासा।
गढ़वाल की धारी देवी सुनिया मेरी घाद ।।
हरिद्वार में मनसा मैया बल बुद्धि की दानी ।
बदियाकोट भगवती माँ शिवजयु की पटरानी ।।
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
मेरी मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी,
ओ मैया भवानी मैया, ओ मैया भवानी ।
दैणा हैयी जाए मैया, त्येरी खुटी सलामी ।।
पौड़ी गढ़वाल मैया ज्वाल्पा को धाम।
रामनगर गर्जिया माँ करनू प्रणाम ।।
ज्वाल्पा को धाम ….करनू प्रणाम ।
पूर्णागिरी दुनागिरी चमत्कारी माता।
बागेश्वर की भद्रकाली ख्वार में धरिये हाथ ।।
गोविंद खुशी मैया ,गुण त्यारा गानी।
उत्तराखण्ड भूमि मेरी द्यप्तों की निशानी ।।
जै मैया भवानी मैया ओ मैया भवानी…
यहाँ देखें कुमाउनी भजन का वीडियो –