देहरादून: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा ने एक बार फिर गति पकड़ ली है। भारी बारिश और बर्फबारी की चुनौतियों के बावजूद, यात्रियों का उत्साह चरम पर है। विशेष रूप से, केदारनाथ यात्रा ने इस वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, केदारनाथ धाम में अब तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हज़ार के आँकड़े को पार कर चुकी है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि अभी धाम के कपाट बंद होने में पूरे 14 दिन का समय शेष है। यह संख्या पिछले वर्ष, यानी वर्ष 2024, के पूरे यात्राकाल में केदारनाथ पहुँचे कुल 16 लाख 52 हज़ार 76 यात्रियों के आँकड़े को पार कर गई है।
आज (तारीख का उल्लेख नहीं है, इसलिए आज की जगह नवीनतम दिन) भी 5,614 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। श्री केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के पावन अवसर पर बंद होंगे। इस प्रकार, शेष बचे 15 दिनों में यह रिकॉर्ड संख्या और बढ़ने की प्रबल संभावना है।
अन्य धामों में भी बढ़ी रौनक
केवल केदारनाथ ही नहीं, बल्कि श्री बदरीनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के बढ़ते उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। यात्रा मार्गों पर सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है, और भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की तत्काल सफ़ाई और यातायात सुचारू रखने के लिए जेसीबी मशीनें भी तैनात की गई हैं।
मानसून की चुनौतियों के बाद यात्रा बहाल करना बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि इस वर्ष चारधाम यात्रा का आगाज़ 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ था, जिसके बाद 2 मई को श्री केदारनाथ और 4 मई को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे।
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हालांकि, मानसून सीज़न में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई थी। प्रकृति के कहर से श्री गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया था। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने के कारण श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री धाम की यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा था।
बारिश थमने के बाद भी यात्रा को बहाल करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य करते हुए न केवल आम जनजीवन की बहाली की, बल्कि सुरक्षा के व्यापक इंतज़ामों के साथ दोनों धामों की यात्रा को भी सफलतापूर्वक फिर से शुरू किया।
मुख्यमंत्री ने दिए सुरक्षा के निर्देश
प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की लगातार सलाह दी जा रही है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया जा रहा है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें और यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखने और सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखने के लिए कहा है। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू करने के भी सख़्त निर्देश दिए गए हैं।
