चारधाम यात्रा 2025: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में, स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा को इस वर्ष सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से, विभाग डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को गहन प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। इस क्रम में, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और दून मेडिकल कॉलेज में विशेष प्रशिक्षण शिविर सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से उच्च हिमालयी क्षेत्रों की विशिष्ट चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत डॉक्टरों और मेडिकल टीमों को उन संभावित स्वास्थ्य समस्याओं, प्राकृतिक आपदाओं और सीमित संसाधनों की परिस्थितियों में भी तत्काल और प्रभावी आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान और कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशिक्षित मेडिकल टीमों को शीघ्र ही यात्रा मार्गों और विभिन्न पड़ावों पर तैनात कर दिया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर श्रद्धालुओं को त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।
डॉ. राजेश कुमार ने तीर्थयात्रियों द्वारा उच्च ऊंचाई पर अनुभव की जा सकने वाली विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हाई एल्टीट्यूड पर सांस लेने में कठिनाई, शरीर में ऑक्सीजन की कमी, रक्तचाप में असामान्य उतार-चढ़ाव, पैरों में छाले और अन्य संबंधित परेशानियां आम हो सकती हैं। इन परिस्थितियों में डॉक्टरों के पास तुरंत और सही उपचार शुरू करने का व्यावहारिक अनुभव होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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स्वास्थ्य सचिव ने आगे जानकारी दी कि श्रीनगर और दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित प्रशिक्षण शिविर विशेष रूप से चारधाम यात्रा मार्ग पर अपनी सेवाएं देने वाले मेडिकल ऑफिसर्स के लिए केंद्रित थे। इन शिविरों में एक्यूट माउंटेन सिकनेस (AMS), हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा (HAPE) और हाई एल्टीट्यूड सेरेब्रल एडिमा (HACE) जैसी गंभीर बीमारियों के साथ-साथ सांस फूलने की स्थिति, दौरे पड़ना, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी आपात स्थितियां और स्ट्रोक के मामलों को कुशलतापूर्वक संभालने का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि इन बीमारियों की समय पर पहचान और उचित उपचार से कई कीमती जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मरीजों को एयर एम्बुलेंस तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने की प्रक्रिया, आवश्यक दवाओं का प्रभावी प्रबंधन और आवश्यकतानुसार समय पर रेफरल की सुव्यवस्थित प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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हाल ही में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के अत्याधुनिक स्किल सेंटर में चिकित्सा अधिकारियों के लिए पहला क्लिनिकल स्किल आधारित प्रशिक्षण शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और जिला अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे मेडिकल ऑफिसर्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस विशेष प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य इन चिकित्सा अधिकारियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने वाली अनूठी चुनौतियों और वहां होने वाली विभिन्न बीमारियों के प्रभावी निदान और उपचार में और अधिक कुशल बनाना है।
स्वास्थ्य विभाग की यह व्यापक तैयारी चारधाम यात्रा को सभी श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और सुखद अनुभव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।