Friday, April 19, 2024
Homeव्यक्तित्वडॉ माधुरी बड़थ्वाल का जीवन परिचय | पद्मश्री 2022 ,डॉक्टर माधुरी बर्थवाल...

डॉ माधुरी बड़थ्वाल का जीवन परिचय | पद्मश्री 2022 ,डॉक्टर माधुरी बर्थवाल | Dr. Madhuri Barthwal Biography in hindi

2022 के पद्म पुरस्कारों में ,उत्तराखंड की डॉ माधुरी बर्थवाल को भी पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया है। लोक गीतों और लोक संगीत के संरक्षण और प्रचार के लिए भारत सरकार ने डॉक्टर माधुरी बर्थवाल जी को  पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया है। डॉक्टर माधुरी आल इंडिया रेडिओ में पहली महिला संगीतकार के रूप में जानी जाती हैं। इनको वर्ष 2019 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। डॉक्टर माधुरी जी उत्तराखंड के लोकसंगीत के संरक्षण के लिए बरसों से काम कर रही हैं। प्रस्तुत लेख में जानते हैं डॉक्टर माधुरी बड़थ्वाल जी की जीवनी।

जन्म और प्रारम्भिक जीवन –

माधुरी बर्थवाल जी का जन्म 19 मार्च 1953 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले जिले में हुवा था। इनके पिता चंद्रमणि उनियाल एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। माता का नाम श्रीमती दमयंती देवी है। और पति का नाम डॉ मनुराज शर्मा बर्थवाल। इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लैंड्सडौन से प्राप्त की थी। 1969 में इन्होने राजकीय इंटर कालेज लैंड्सडौन से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद इन्होने  संगीत प्रभाकर की डिग्री ली। माधुरी जी पिता संगीत के अच्छे जानकार थे। अतः उनको बचपन  संगीत लगाव था। संगीत प्रभाकर की शिक्षा के बाद इलाहबाद संगीत समिति से संगीत का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद आगरा यूनिवर्सिटी से संगीत में डिग्री हासिल की।  और साथ साथ अपनी पढाई भी व्यक्तिगत माध्यम से करती रहीं। उन्होंने रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से हिंदी में परास्नातक की डिग्री हासिल की। 2007 में उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय ,श्रीनगर गढ़वाल से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

डॉ माधुरी बर्थवाल
डॉ माधुरी बर्थवाल

डॉ माधुरी बर्थवाल जीवन सफर –

डॉ माधुरी बर्थवाल जी को बचपन से ही संगीत में अगाध रूचि थी। उस समय लोग लड़कियों का गाना  बजाना गलत समझते थे। इसी रूढ़िवादी विचारधारा को ख़त्म करने के लिए उन्होंने मन में निश्चय किया की , महिलाओं को संगीत में आगे बढ़ने के लिए वे स्वयं प्रयास करेगी। अपनी पढाई जारी रखते हुए उन्होंने आकाशवाणी नजीबाबाद के लिए भी कार्य किया।  इनको आल इंडिया रेडिओ नजीबाबाद की प्रथम महिला संगीतकार के रूप में भी जाना जाता है। आकाशवाणी नजीबाबाद से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम “धरोहर ” के द्वारा लोकगीत संगीत और लोकगाथाओं ,का प्रचार व् प्रसार किया। महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी विचारधारा का अंत करने के लिए  उन्होंने पारम्परिक मंगल टीमें बनाई।  ढोल वादन में पुरुषो के वर्चस्व को चुनौती दी। इस चुनौती भरे जीवन में इस कार्य के लिए उनके पति डॉ मनुराज शर्मा बड़थ्वाल  का भरपूर साथ मिला। 32 वर्ष आकाशवाणी  के साथ काम करने के बाद वे चुप नहीं बैठी।  उन्होंने लोक संगीत के संरक्षण में अपने अथक प्रयासों को बढ़ाये रखा।  मांगल टीमों द्वारा महिलाओं को ढोल वादन में पारंगत किया। आज उनके महिलाओं का बैंड एक मिसाल हैं। लोक गीतों और संगीत में डॉ माधुरी को 50 वर्षों के समय का शोध का अनुभव हैं। इस शोध समय में उन्होंने सैकड़ो बच्चो को संगीत की शिक्षा दी।  कई उत्तराखंड के जानेमाने कलाकारों से लेकर अनजान कलाकारों को रिकॉर्ड भी किया। उन्होंने उत्तराखंड के दुर्लभ वाद्य यंत्रों को  दस्तावेज स्वरूप में सहेजने और संजोने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने उत्तराखंड के लोक संगीत को भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ मिला कर ,लोक संगीत को एक नया रूप दिया। डॉ माधुरी बर्थवालअपनी संस्था” मनु लोक सांस्कृतिक धरोहर सवर्धन संस्थान ” के द्वारा लोक संगीत लोक परम्पराओं और लोक वाद्यों व् लोक संस्कृति के संरक्षण में सदा प्रयासरत हैं।

मूलतः पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर निवासी डॉ माधुरी बर्थवाल वर्तमान में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से अपने पुण्य प्रयास पर अग्रसर हैं।

पुरस्कार व् सम्मान –

Best Taxi Services in haldwani

वर्ष 2019 में  डॉ माधुरी बर्थवाल जी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर भारत के राष्ट्रपति महोदय द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष 2022 में डॉक्टर माधुरी बड़थ्वाल को भारत सरकार द्वारा , भारत का सम्मानित पुरस्कार पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है।

देवभूमि दर्शन के साथ फेसबुक में जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कुमाउनी व् गढ़वाली पहेलियों के लिए यहाँ क्लिक करें।

कुमाउनी लोक गीत भगनौल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

डॉ माधुरी बर्थवाल जी के बारे में अधिक जानने हेतु उनका एक साक्षात्कार यहाँ देखिये। 

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments