देहरादून: प्रदेश में बाघ और तेंदुओं के हमले में लगातार लोगों की मौत हो रही है। पिछले कुछ दिनों में कई लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन अधिकारियों को तलब किया और उन्हें जमकर फटकार लगाई। उन्होंने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा को ताकीद करते हुए कहा कि वे फील्ड में जाकर हालात पर नजर रखें और सख्त कार्रवाई करें। साथ ही वन अधिकारियों के विदेश दौरों पर रोक के आदेश दिए गए हैं।
राजधानी देहरादून में भी एक दिन पहले ही 10 साल के बच्चे को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा में स्थित अपने कार्यालय में ही विभागीय अधिकारियों को तलब किया।
इस दौरान प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक हॉफ अनूप मलिक और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने इस पूरी घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। सीएम ने ऐसी घटनाओं को देखते हुए प्रमुख वन संरक्षक आरके सुधांशु को दैनिक रूप से मामलों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इसके अलावा चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को भी खुद फील्ड में जाने के भी आदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश:
- सीएम ने वन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बाघ और तेंदुओं के हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
- उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ाई जाए।
- लोगों को बाघ और तेंदुओं से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
- वन अधिकारियों को फील्ड में जाकर लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों के विदेश दौरों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में बाघ और तेंदुओं के हमले से लोग जान गंवा रहे हैं, तो ऐसे में वन अधिकारियों का विदेश दौरा अनुचित है। यह घटना उत्तराखंड में वन्यजीवों के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। राज्य सरकार को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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विभागीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे बाघ और तेंदुओं के हमलों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
राज्य के लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि वह बाघ और तेंदुओं के हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। लोगों का कहना है कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक वे सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे।