Monday, April 28, 2025
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Chardham Yatra 2025: स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, 30 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा

Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे, जिसके साथ यात्रा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 2 मईबद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। इस बार राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के लिए कई बडे़ कदम उठाए हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों में चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और स्वास्थ्य-संबंधी दृष्टि से बेहतर बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जो तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सरकार ने विभिन्न भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है।

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डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य जांच, सतर्कता और चिकित्सकीय तैयारियों पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विशेषकर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री जैसे ऊँचे-चढ़ते क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को कठोर जलवायु, निम्न ऑक्सीजन स्तर एवं कठिन मार्ग स्थितियों का सामना करना पड़ता है, अतः तीर्थयात्री जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक तैयारियों के साथ आयें।

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स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्क्रीनिंग प्वाइंट, आपातकालीन सेवाएं और हेलीपैड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सहायता सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यापक परामर्श को सभी राज्यों में पत्र भेजकर संभावित तीर्थयात्रियों तक आवश्यक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित, सुगम एवं सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. आर.राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चारधाम यात्रा को पूरी तरह सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की पूरी व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा 2025 के दौरान किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कोई परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी है, जिसके अनुसार यात्रा से पूर्व अनिवार्य स्वास्थ्य जांच कराएं। कम से कम दो माह पूर्व पैदल चलने, प्राणायाम एवं हृदय संबंधी व्यायाम अपनाएं। आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा साथ रखें। स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण ऐप पर अनिवार्य पंजीकरण करें। पर्याप्त जल, संतुलित आहार एवं हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। स्क्रीनिंग केंद्र एवं चिकित्सा राहत पोस्ट का लाभ उठाएं और हल्की परतों वाले कपड़े, गरम वस्त्र, दस्ताने एवं ऊनी सामग्री साथ रखें।

डॉ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त, राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से यह भी कहा गया है कि वे अपने राज्य से चिकित्सा विशेषज्ञों, विशेषकर हृदय रोग, आस्थि रोग, सर्जन जैसे चिकित्सकों को स्वैच्छिक रूप से चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित चिकित्सालयों में योगदान देने के लिए प्रेरित करें। विशेषज्ञों से अपेक्षित योगदान कम से कम 15 दिनों के लिए होगा, जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और चिकित्सकों को मानव सेवा का अवसर मिल सके।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए क्या करें, क्या न करें और अन्य स्वास्थ्य देखभाल सामग्री भी तैयार की है। ये सामग्री सभी राज्यों में साझा की गई है, ताकि तीर्थ यात्री यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे इस सामग्री को स्थानीय स्तर पर वितरित करें, ताकि आम तीर्थयात्री यात्रा के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल सहित 28 पैरामीटर की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। यह सभी प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्वाइंट के साथ जोड़े गए हैं ताकि यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों की पूरी स्वास्थ्य जांच हो सके। यात्रा मार्ग पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट की संख्या बढ़ाई गई है और वहां पर डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराएं और यात्रा की योजना कम से कम सात दिन पहले बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा के दौरान हर एक से दो घंटे में 5-10 मिनट का विश्राम करें। यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, रेनकोट, छाता, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री अपनी जरूरी दवाइयां और डॉक्टर का नंबर साथ रखें। यदि यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर या उल्टी महसूस हो तो तुरंत निकटतम मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर जाएं।

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स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें केदारनाथ यात्रा मार्ग के दौरान आती हैं। इसलिए केदारनाथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया गया है। यात्रा मार्ग पर 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और दो पीएचसी सेंटर स्थापित किए गए हैं। गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे, जहां यात्रियों की फ्री हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी।

यात्रियों की स्वास्थ्य जांच को आसान बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे। यहां पर ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल, वजन, लंबाई और शरीर का तापमान मापा जा सकेगा। साथ ही, टेलीमेडिसिन सेवा के तहत 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा भी दी जाएगी।

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Pramod Bhakuni
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इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।
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