चमोली: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) के बढ़ते मामलों को देखते हुए, चमोली जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। प्रशासन ने बाहरी क्षेत्रों से जिले में किसी भी तरह के कुक्कुट (मुर्गे-मुर्गियां), अंडे और कुक्कुट मांस के परिवहन पर तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह का प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला जिले को इस संक्रामक बीमारी से बचाने के लिए लिया गया है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोकेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है ताकि संभावित बर्ड फ्लू के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जो चिंता का विषय है। इसी को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है।
इस प्रतिबंध के तहत, अगले सात दिनों तक चमोली जिले में बाहरी राज्यों या अन्य जिलों से कोई भी पोल्ट्री उत्पाद नहीं लाया जा सकेगा। डॉ. शर्मा ने कहा कि यह कदम एहतियाती है और इसका उद्देश्य सिर्फ जिले के पशुधन को सुरक्षित रखना है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान नियमों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध पक्षी की मृत्यु होने पर तुरंत पशुपालन विभाग को सूचित करें। विभाग की टीमें स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
बर्ड फ्लू क्या है और क्यों है यह खतरनाक?
बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है। यह वायरस पक्षियों से इंसानों और अन्य जानवरों में भी फैल सकता है, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यही कारण है कि इसके प्रसार को रोकने के लिए त्वरित और सख्त कदम उठाना महत्वपूर्ण होता है।
चमोली प्रशासन का यह कदम समय रहते लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है, जो जिले को इस संभावित खतरे से बचा सकता है।

