Monday, May 26, 2025
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बेडू पाको बारो मासा लिरिक्स और बेडू पाको गीत के बारे में

Bedu Pako baro Masa song lyrics

बेडू पाको बारो मासा गीत उत्तराखंड की पहचान है। या यु कहिये यह गीत उत्तराखंड का पहला अघोषित राज्य गीत है। जब कोई उत्तराखंड का निवासी कही अपनी पहचान बताता है तो, बेडू पाको बारो मासा गीत से स्वयं को जोड़ कर खुद का परिचय देता है। आज इस लेख में इसी प्रसिद्ध गीत के बारे में संक्षिप्त जानकारी व बेडू पाको बारोमासा  गीत के बोल संकलित कर रहे हैं। स्वर्गीय श्री बिजेंद्र लाल शाह मंच पर गीत प्रस्तुत करते हुए।

बेड़ू पाको बारोमासा
बेडू पाको बारो मासा लिरिक्स

बेडू पाको बारो मासा सांग लिरिक्स –

बेडू पाको बारो मासा ,
नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।।
रुणा  भूणा  दिन आया ,
नरेण को जा मेरी मैता ,मेरी छैला।
अल्मोड़े की नंदा देवी ,
नरेण फुल चढूनी पाती ,मेरी छैला।
जैसी तीले बोली मारी ,
ओह नरेण धन्य मेरी छाती मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।
नैनीताल की नंदा देवी ,
नरेण फुल चढूनी पाती ,मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।
तेरी खुटी को कान बूड़ो ,
नरेण मेरी खुटी में पीड़ा ,मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।
अल्मोड़े की लाल बजारा ,-2
नरेण पाथरे की सीणी मेरी छैला।
आपु खानी पान सुपारी ,-2
ओ नरेण मैकू दीनी  बीड़ी मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा ,
ओ नरेण काफल पाको चैत मेरी छैला।
श्री बिजेंद्र लाल शाह ,-2
यो तनोरो गीत मेरी छैला।
बेडू पाको बारो मासा। ……………..

महत्वपूर्ण जानकारी बेडु पाको गीत के बारे में –

मित्रो उपरोक्त पंक्तियाँ स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी द्वारा गाये गीत से ली गई हैं।  अभी तक इस गीत के कई संस्करण बन गए हैं। कई गायको ने इसके अलग अलग वर्जन भी बना दिए गए हैं। बेडु पको गीत मूलतः कुमाऊनी लोक गीत है। अब इसका गढ़वाली वर्जन भी उपलब्ध है। बेडू पाको गीत के रचियता स्व श्री बिजेंद्र लाल शाह जी हैं। और इसका संगीत स्व श्री मोहन उप्रेती और बृजमोहन शाह ने बनाया था। इस प्रसिद्ध उत्तरांचली लोक गीत को पहली बार 1952 में राजकीय इंटर कालेज नैनीताल में गाया गया था। तत्पश्यात दिल्ली की एक अंतर्राष्ट्रीय सभा में इसकी पहली रिकॉर्डिंग सम्मान में बजाई गई। इसकी रिकॉर्डिंग hmv द्वारा बनाई गई थी।

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कहते है, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू जी का प्रिय गीत था।कहते हैं नेहरू जी ने मोहन उप्रेती जी को ‘बेडू पाको बॉय ‘ का नाम दिया था।  अभी तक के सभी गीतों में, स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी और स्वर्गीय नईमा खान उप्रेती जी द्वारा गाया हुवा गीत original बेडू पाको गीत माना जाता है।

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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