नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को हुई बनभूलपुरा हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के बाद से मलिक फरार था और उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थीं। पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया था।
हिंसा के बाद पुलिस ने मलिक और उसकी पत्नी सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया था। मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था। इस हमले में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया था। पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहन फूंक दिए गए थे।
आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए, तो अधिकारी जान बचाने के लिए मौके से भाग गए थे। पुलिस व निगम टीम जैसे-तैसे वहां से निकली। प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए थे। पिता-पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
हल्द्वानी हिंसा में करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। हिंसा के बाद से पुलिस लगातार उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए कार्रवाई कर रही है। हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटा मोईद फरार चल रहे थे, जिसके बाद अब अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी हो गई है।
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पुलिस ने कैसे पकड़ा?
पुलिस को मलिक के दिल्ली में छिपे होने की सूचना मिली थी। पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई, जिसने मलिक को एक छिपे हुए ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मलिक से पूछताछ कर रही है और उसके बेटे मोईद की तलाश जारी है।
गिरफ्तारी से क्या होगा?
अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी बनभूलपुरा हिंसा की जांच में एक बड़ी सफलता है। पुलिस को उम्मीद है कि मलिक से पूछताछ में हिंसा के अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
यह गिरफ्तारी उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं।