चमोली आपदा: चमोली जिले के थराली क्षेत्र में 22 अगस्त को दोपहर लगभग 12:30 बजे हुई भारी वर्षा और अतिवृष्टि के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारी नुकसान की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए।
राहत और बचाव दल की तैनाती
प्रशासन की ओर से चार बचाव एवं राहत दल मौके पर तैनात किए गए—
- एसडीआरएफ गोचर (12 सदस्य),
- डीआरडीओ थराली (07 सदस्य),
- डीआरडीओ कर्णप्रयाग (06 सदस्य),
- मेडिकल टीम (07 सदस्य)।
दल के साथ आवश्यक दवाइयाँ, उपकरण और एक एम्बुलेंस भी भेजी गई।
मशीनरी और संसाधन
राहत कार्यों के लिए 4 जेसीबी, 2 पोकेलैंड/एक्सकेवेटर और 6 लोडर मशीनें लगाई गईं। इनकी मदद से मलबा हटाने और सड़कों को सुचारु करने का काम लगातार जारी है।
नुकसान का विवरण
प्रारंभिक सर्वेक्षण में भारी नुकसान सामने आया है—
- पूरी तरह क्षतिग्रस्त भवन: 09
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवन: 15
- पूरी तरह क्षतिग्रस्त दुकानें: 47
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त दुकानें: 38
- भवन जिनमें मलबा भरा: 11
- दुकानें जिनमें मलबा भरा: 79
- वाहन क्षतिग्रस्त: 26
कुल मिलाकर अब तक लगभग 225 ढांचों को नुकसान पहुंचा है।
यह भी पढ़े: Uttarakhand Weather Alert: अगले 5 दिनों तक भारी बारिश की संभावना
मानव हानि
- मृतक: 01
- घायल: 09 (जिनमें से 6 व्यक्तियों को हेली से एम्स ऋषिकेश भेजा गया, 3 सामान्य उपचाराधीन हैं)
- लापता: 01 (खोजबीन जारी)
पेयजल एवं बिजली व्यवस्था
थराली और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति आंशिक रूप से बहाल कर दी गई है। पेयजल व्यवस्था रात 10 बजे तक सामान्य करने की योजना है।
बिजली आपूर्ति भी 80 प्रतिशत क्षेत्रों में बहाल की जा चुकी है, शेष स्थानों पर मरम्मत कार्य तेज़ी से चल रहा है।
राहत शिविर
दो राहत शिविर संचालित किए गए हैं—
- राजकीय पॉलिटेक्निक कुजसाली : 28 लोग
- प्राथमिक विद्यालय चपड़ो : 30 लोग
कुल 58 प्रभावित व्यक्ति शिविरों में ठहराए गए हैं। यहाँ भोजन, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
प्रशासन की अपील
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित परिवारों को अब तक ₹40.35 लाख की धनराशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही प्रभावित मार्गों पर लगातार मलबा हटाने का काम जारी है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।


