अल्मोड़ा: राजकीय इंटर कॉलेज नौगांव इस समय प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक, लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है। स्कूल में स्थायी स्टाफ की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है, जिससे अभिभावकों में चिंता का माहौल है। शिक्षक अभिभावक संघ ने कई बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
स्टाफ की कमी का बुरा हाल
शिक्षक अभिभावक संघ द्वारा शिक्षा निदेशक को लिखे गए पत्र के अनुसार, विद्यालय में स्थिति बेहद चिंताजनक है:
- प्रधानाचार्य का पद पिछले चार साल से खाली पड़ा है।
- संस्कृत, गणित, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रवक्ता अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
- हिंदी और अंग्रेजी विषयों में प्रवक्ता के पद पूरी तरह से खाली हैं।
- एलटी हिंदी और गणित विषयों में भी अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जबकि सामान्य विषयों के दो पद रिक्त पड़े हैं।
- प्रशासनिक अधिकारी का पद पिछले दो साल से खाली है, और कनिष्ठ सहायक का पद भी डेढ़ साल से रिक्त है।
- चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत 6 पद भी खाली पड़े हैं।
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घटती छात्र संख्या और पढ़ाई पर असर
शिक्षक अभिभावक संघ का कहना है कि वर्तमान में विद्यालय में 230 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, स्टाफ की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई में लगातार व्यवधान आ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि चार साल पहले इस विद्यालय में 300 छात्र थे, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण छात्र संख्या में भी गिरावट आई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टाफ की कमी का असर विशेष रूप से इलाके के गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है, जिनके पास निजी स्कूलों में पढ़ने का विकल्प नहीं है।
तत्काल कार्रवाई की मांग
शिक्षक अभिभावक संघ ने शिक्षा निदेशक से प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापकों और कार्यालय स्टाफ के सभी रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इन पदों को शीघ्र नहीं भरा गया, तो छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अभिभावक संघ ने पहले भी कई बार इस संबंध में पत्र लिखे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।