Char Dham Yatra 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में, उत्तराखंड सरकार इस वर्ष की चार धाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अभूतपूर्व रूप से सुदृढ़ करने में युद्धस्तर पर जुटी हुई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार स्वयं विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित कर पूरे यात्रा मार्ग पर एक सुगठित, आधुनिक और आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण कर रहे हैं। राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक श्रद्धालु अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा को स्वस्थ और सुरक्षित रूप से संपन्न कर सके।
सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में, डॉ. आर. राजेश कुमार ने चार धाम यात्रा मार्ग पर तैनात सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थायी और अस्थायी रूप से स्थापित सभी चिकित्सा इकाइयों को आवश्यक दवाओं, आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों और पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पूरी तरह से तैयार रखा जाए। इसके अतिरिक्त, यात्रा अवधि के दौरान डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त संख्या में तैनाती भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि फाटा स्थित अस्पताल में अब हड्डी रोग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देंगे, और यहाँ एक्स-रे की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, दुर्गम पैदल मार्गों पर स्थित 12 चिकित्सा इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं फार्मेसी अधिकारियों के साथ आवश्यक चिकित्सा उपकरण भी तैनात किए जा रहे हैं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, 12 चिन्हित हेलिपैड और पार्किंग स्थलों पर विशेष स्क्रीनिंग टीमों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है।
चमोली जिले में यात्रा मार्ग पर स्थित सभी 20 चिकित्सा इकाइयों को आगामी 30 अप्रैल तक पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरण, जीवनरक्षक दवाएं और पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की जा रही है। चार प्रमुख विभागीय स्क्रीनिंग पॉइंट्स – गौचर बैरियर, पांडुकेश्वर बाजार, ट्रॉमा सेंटर कर्णप्रयाग और पांडुवाखाल (गैरसैंण) – पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। श्री बदरीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था द्वारा भी एक अतिरिक्त स्क्रीनिंग प्वाइंट संचालित किया जाएगा। इन सभी स्थानों पर फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO), वार्ड ब्वॉय और सफाई कर्मियों की सुबह-शाम की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है, ताकि यात्रियों को हर समय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहें।
यह भी पढ़े : बिना तिमुंडिया देवता की पूजा, अधूरी मानी जाती है बद्रीनाथ की यात्रा
इस वर्ष की चार धाम यात्रा के लिए पहले से ही 69 चिकित्सा अधिकारी विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके अतिरिक्त, अन्य जनपदों से विशेषज्ञ डॉक्टरों को हर 15 दिन के रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाएगा। तैनात किए जाने वाले विशेषज्ञों में 2 ऑर्थो सर्जन (हड्डी रोग विशेषज्ञ), 2 फिजीशियन (चिकित्सक), 5 निश्चेतक (एनेस्थेटिस्ट), 5 जनरल सर्जन (सामान्य शल्य चिकित्सक), 10 अतिरिक्त ऑर्थो सर्जन और भारत सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ शामिल हैं। इस व्यापक स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत कुल 121 स्टाफ नर्स, 26 फार्मासिस्ट, 309 ऑक्सीजन बेड, 6 आईसीयू बेड, 13 विभागीय एम्बुलेंस, 17 ‘108’ सेवा एम्बुलेंस, 1 ब्लड बैंक और 2 ब्लड स्टोरेज यूनिट्स की तैनाती की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
चार धाम यात्रा की तैयारियों को लेकर हुई इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ. शिखा जंगपांगी, निदेशक एनएचएम डॉ. मनु जैन, अपर आयुक्त एफडीए ताजबर सिंह जग्गी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ. मनोज शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आर के सिंह सहित उत्तरकाशी, चमोली और रूद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे और आवश्यक सुझाव दिए। सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि इस वर्ष चार धाम यात्रा पर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को सुगम, सुरक्षित और स्वस्थ अनुभव प्राप्त हो।