देहरादून: उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के मामले में गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आज (तारीख यहाँ डालें, मान लीजिए 11 अक्टूबर, 2025) मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आयोग की अध्यक्षता मा० न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी ने की।
अल्प समय में जनसुनवाई, मुख्यमंत्री ने सराहा
रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोग के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति ध्यानी की अध्यक्षता वाले आयोग ने अल्प समय में ही अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों और संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त किए और यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार आयोग की अंतरिम रिपोर्ट का गहनता से परीक्षण करेगी और अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही आवश्यक निर्णय लेगी।
निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु CBI जाँच की संस्तुति
मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण की सीबीआई (CBI) जाँच की संस्तुति पहले ही कर चुकी है। उनका कहना था कि सीबीआई जाँच से मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकेगी और सत्य सामने आ सकेगा।
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पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार की मंशा को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार भर्ती परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे, जिससे अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी की अंतरिम रिपोर्ट और सीबीआई जाँच की संस्तुति के बाद अब सबकी निगाहें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्या अंतिम निर्णय लेती है।