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उत्तराखंड में फ्री बिजली

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उत्तराखंड में फ्री बिजली

जैसा कि सभी को ज्ञात है, चुनावी वर्ष में चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार , लास्ट साल में दोनो रामराज्य वाले मूड में आ जाते हैं। ठीक उसी प्रकार उत्तराखंड में भी चुनावी साल होने के कारण ,वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय नई घोषणाओं से जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। वही उनका साथ देते हुए ऊर्जा मंत्री श्री हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में फ्री बिजली की घोषणा की है।

उत्तराखंड में फ्री बिजली
उत्तराखंड में फ्री बिजली

उर्जा मंत्री श्री हरक सिंह रावत के अनुसार राज्य में सामान्य जनता को 100 यूनिट तक  फ्री बिजली मिलेगी। और 200 यूनिट तक बिजली के बिल पर लगभग 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के लिए यथाशीघ्र मंत्रिमंडल की  बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। ऊर्जा भवन में बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में 26 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 23 लाख आम घरेलू उपभोक्ता है। हर महीने 100 यूनिट तक उत्तराखंड में फ्री बिजली  कर देंगे तो, लगभग 07 लाख बिजली का उपभोग करने वालों को फायदा । और 200 यूनिट तक बिजली उपभोग पर लगभग 50 प्रतिशत सब्सिडी देने पर 13 लाख बिजली उपयोगर्ताओं को राहत मिलेगी। इस प्रकार राज्य की एक बड़ी जनसंख्या को उत्तराखंड सरकार की ओर से लाभ दिया जाएगा । ऊर्जा  मंत्री श्री हरक सिंह रावत ने कहा कि, इस कार्य के लिए शीघ्र मंत्री परिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा। और इसके अलावा  कोरोना महामारी  के कारण देर से बिजली बिल  भुगतान करने वालों से  सरचार्ज नहीं लिया जाएगा। कोरोनो के कारण देर से भुगतान करने वालों के लिए , सरकार 31 अक्तूबर तक सरचार्ज माफ करेगी। इस कार्य के लिए भी  मंत्रिपरिषद की  बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। ताकि कोरोना महामारी  से परेशान लोगों को राहत मिल सके।

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बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।

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