Tuesday, March 19, 2024
Homeसंस्कृतित्यौहारजौ त्यार के रूप में मनाई जाती है उत्तराखंड की बसंत पंचमी।

जौ त्यार के रूप में मनाई जाती है उत्तराखंड की बसंत पंचमी।

जौ त्यार सौर संक्रांति से सम्बंधित उत्तराखंड का एक कृषक वर्गीय ऋतू उत्सव है। वैसे तो इसे अब बसंत पंचमी या श्री पंचमी के साथ जोड़ दिया गया है। किन्तु इसके नाम से स्पष्ट है ,कि यह एक संक्रांति पर्व था। जो इस चन्द्र्माश्रित तिथि को पड़ने वाली सौर संक्रांति को मनाया जाता होगा। यहाँ पर बसंत पंचमी या श्रीपंचमी अप्रवासी जनो द्वारा आयातित संस्कृति की देन है। जबकि जौ त्यार ( Jau tyar ) पहाड़ की मौलिक कृषक संस्कृति का अपना ऋतुत्सव है या अपना लोक पर्व है। विदित है कि बसंत ऋतू के आगमन पर खरीफ की फसल के मुख्य धान्य ,जौ  के अंकुर पल्ल्वित हो उठते हैं। जौ के लहराते खेतों को देख पहाड़ के किसानों का मन खुश हो जाता है। पहाड़ के स्थानीय किसान अपने कुल देवताओं अपने ईष्ट देवों को उनकी कृपा से पल्ल्वित हो रही फसल के आभार और प्रकृतिक एवं कृत्रिम संकटों से रक्षा की कामना करते हुए कोमल जौ की पत्तियां उन्हें अर्पित कर के पूजा करते हैं। एवं उन्ही अर्पित जौ का कुछ अंश प्रसाद के रूप में अपने और अपने परिवारजनों में उन्हें धारण करते हैं।

जौ त्यार

amazon holi sale

इसके साथ -साथ सम्पूर्ण घर की रक्षा और मंगल कामनाओं के लिए सभी परिवार जनो के सिरों पर यव पलल्व ( जौं की कोपले ) रखते हैं। लड़किया इन्हे अपने ज्येष्ठों को अर्पित करती हैं ,और आशीर्वाद और दक्षिणा प्राप्त करती हैं। कुल देवता को अर्पित जौ की कोपलों को पुरुष अपनी टोपी पर लगाते हैं और महिलाये अपनी धमेली ( जुड़े पर ) सजाती हैं। इसके अलावा सम्पूर्ण घर की मंगलकामना के लिए , घर के द्वारों पर ,गाय के गोबर से जौ की पत्तियां लगाई जाती है। यह दिन पहाड़ में शुभ मन जाता है।  इस दिन सारे शुभ कार्य बिना मुहूर्त के किये जाते है।  जौ त्यार के दिन घर की बालिकाओं के कान नक् छिदवाये जाते है। लड़को का यज्ञोपवीत संस्कार किया जाता है।  इसके अलावा इस दिन शादियों की सगाई और शादी की तिथि निकाली जाती है। कुमाऊ मंडल में इस दिन से बैठकी होली शुरू हो जाती है। बसंत पंचमी और श्री पंचमी यहाँ के लोकउत्सव न होकर नगरीय उत्सव हैं। जबकि जौं त्यार ,जौ सग्यान उत्तराखंड के लोक पर्व हैं।

उत्तराखंड की बसंत पंचमी जौ त्यार पर आधारित वीडियो गीत यहाँ देखें –

Best Taxi Services in haldwani

https://youtu.be/2L6yX8B2_bI

 

उत्तराखंड में बसंत पंचमी के बारे में विस्तार से जानने और फोटो डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

हमारे साथ सोशल मीडिया पर जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

संदर्भ – प्रो DD शर्मा जी की पुस्तक उत्तराखंड ज्ञानकोष से साभार

फोटो- मिनाकृति ऐपण प्रोजेक्ट साभार 

Follow us on Google News
Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी देवभूमि दर्शन के संस्थापक और लेखक हैं। बिक्रम सिंह भंडारी उत्तराखंड के निवासी है । इनको उत्तराखंड की कला संस्कृति, भाषा,पर्यटन स्थल ,मंदिरों और लोककथाओं एवं स्वरोजगार के बारे में लिखना पसंद है।
RELATED ARTICLES
spot_img
Amazon

Most Popular

Recent Comments