हाल ही में भारत के केरल राज्य में धर्मांतरण और आतंकवाद पर आधारित हिंदी फिल्म द केरला स्टोरी पुरे देश के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। हालाँकि कई जगह इसका विरोध हो रहा और अधिकतर लोग इसे पसंद कर रहे हैं और इसका समर्थन कर रहें हैं। और इसे सत्यघटना पर आधारित मान रहें है। फिल्म ‘The Kerala story ’ पर एक विशेष एजेंडा फिल्म होने के आरोप लग रहे हैं। इस फिल्म में दिखाया गया है कि केरल में लगभग 30000 लड़कियों का धर्मपरिवर्तन हुवा है।
फिल्म खराब है या सही है इसका निर्णय तो दर्शक लेंगे। मगर इस फिल्म एक सीन है या यूँ कहे कि एक डायलॉग है जो सबके के लिए प्रेरणादायक है। यह डायलॉग उत्तराखंड की वर्तमान हालात पर बिलकुल फिट बैठता है। फिल्म द केरला स्टोरी के एक सीन में पीड़ित लड़की आखिर में अपने पिता से शिकायत करती है कि, आपने हमे कभी अपने कल्चर के बारे में क्यों नहीं बताया?यह एक डायलॉग पूरी फिल्म का सारांश बता देता है, और यही सबसे प्रेरणाप्रद संवाद है। उत्तराखंड में वर्तमान में आधी से अधिक जनता पलायन करके शहरों में रह रही है। और अपने दैनिक जीवन में पहाड़ की संस्कृति कम शहरों की जीवन शैली में अधिक जी रहे हैं।और पहाड़ में बाहरी लोग ज्यादा बस रहे हैं।
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उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति का शहरों में कम ही प्रयोग हो रहा है। वर्तमान पीढ़ी तो जैसे तैसे अपना समय निकाल ले रही लेकिन , भविष्य की पीढ़ी अर्थात उत्तराखंड के बच्चे अपनी संस्कृति से धीरे -धीरे दूर हो रहें है। आने वाले समय में शहरों की संस्कृति से ऊब जायेंगे या द केरला स्टोरी जैसा या कश्मीर फाइल जैसा संकट आता है और पहाड़ के बच्चों को पता चलता है कि उनके पास उत्तराखंड जैसा स्वर्ग जैसा राज्य और एक समृद्ध संस्कृति थी। तब वे भी ऐसे ही अपने माता पिता से पूछेंगे, हमे हमारे कल्चर के बारे में क्यों नहीं बताया?