केदारनाथ/देहरादून: सनातन आस्था के प्रमुख केंद्र, श्री केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए विधि-विधान और पारंपरिक ceremonials के साथ बंद हो गए। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना करते हुए उत्तराखंड और समस्त देशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर केदारनाथ धाम क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का भौतिक निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और तीर्थयात्रियों से बातचीत करते हुए यात्रा के सफल समापन पर संतोष व्यक्त किया।
सफल चारधाम यात्रा पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष बाबा केदार के दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो यह दर्शाता है कि उत्तराखंड देवभूमि के प्रति लोगों की आस्था अटूट है। उन्होंने प्रदेश सरकार के सुनियोजित प्रयासों को यात्रा की सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि इस बार की चार धाम यात्रा सफल और सुचारू रूप से संपन्न हुई है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि चारधाम यात्रा न सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान देती है, बल्कि देवभूमि उत्तराखण्ड को दुनिया भर में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों से भी जोड़ती है।
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विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और भावी रणनीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड के चार धामों के साथ ही मानसखंड से जुड़े मंदिरों में भी विभिन्न विकास कार्य पूरे किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिए रणनीति अभी से तय कर ली जाए, ताकि समय रहते यात्रा संबंधी सभी प्रबंध पूरे किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में सहयोग देने के लिए तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों, स्थानीय कारोबारियों और तीर्थ यात्रियों का विशेष आभार व्यक्त किया।
उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने का संकल्प
कपाट बंद होने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “बाबा केदार के धाम की यात्रा अब सकुशल सम्पन्न हो चुकी है। हम सब पर बाबा का आशीर्वाद बना रहे।” उन्होंने दोहराया कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित करने के लिए संकल्पित है।
