रुद्रप्रयाग: विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रातः 7 बजे पूर्ण विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी बने। कपाट खुलने के पश्चात मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम पर संपन्न हुई।
कपाट खुलने के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस पल का इंतजार न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को रहता है। केदारनाथ धाम सनातन धर्म के अनुयायियों की गहरी धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है और यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर को राज्य के लिए एक उत्सव का समय बताया और बाबा केदार से सभी यात्रियों की मंगलमय यात्रा के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाबा केदार के धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है और उन्हें विश्वास है कि बाबा केदार के आशीर्वाद से इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के सुव्यवस्थित और सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगमता के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे देश और दुनिया से आने वाले अतिथियों का आत्मीयता और सेवा भाव से स्वागत करें।
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श्री धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बाबा केदारनाथ का अनन्य भक्त बताते हुए कहा कि 2013 की आपदा के बाद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही केदार नगरी के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ था। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज केदारनाथ परिसर का दिव्य और भव्य निर्माण कार्य संभव हो पाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के उस कथन को भी याद दिलाया जिसमें उन्होंने केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के इन शब्दों को सत्य करने के लिए निरंतर विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है।
कपाट उद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से होते हुए गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड जैसे कई पड़ावों से गुजरकर श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी। कपाट खुलने की प्रक्रिया आज सुबह पांच बजे से शुरू हुई। इसके बाद, श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, केदारनाथ के विधायक आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, धर्माचार्यों, वेदपाठीगणों और भैरव नाथ के अरविंद शुक्ला ने पूरब द्वार से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और द्वार की पूजा-अर्चना में भाग लिया।
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कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती गीता धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी विजय प्रसाद थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियंता गिरीश देवली, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी, देवानंद गैरोला, विपिन तिवारी, कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित, उमेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।