Tuesday, January 28, 2025
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शीतल की प्रेरणादायक कहानी: राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का नया अध्याय

उत्तराखंड के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन प्रदेश में हो रहा है। पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की निवासी और देश की शान, शीतल ने अपने साहसिक कारनामों से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली शीतल इस आयोजन को प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर मानती हैं। उनका कहना है कि यह आयोजन उत्तराखंड में खेल विकास और खिलाड़ियों की तरक्की की नई इबारत लिखेगा।

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शीतल ने 8188 मीटर ऊंचे माउंट चो ओयू को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा। उनके अदम्य साहस और कठिन परिश्रम के लिए उन्हें प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह मानती हैं कि राष्ट्रीय खेल उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हुए अपनी प्रतिभा को निखारना चाहते हैं।

उत्तराखंड में पहली बार राफ्टिंग जैसे साहसिक खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया है। हालांकि इसे एक डेमो गेम के तौर पर पेश किया गया है, लेकिन शीतल इसे साहसिक खेलों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत मानती हैं। उनका कहना है कि इस कदम से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि साहसिक खेलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी।

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शीतल ने कहा कि पहाड़ के खिलाड़ियों ने हमेशा सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से उन्हें अब बेहतर प्रशिक्षण और संसाधन मिलेंगे, जो उनकी सफलता के रास्ते को और सुदृढ़ बनाएंगे। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा अवसर है।

हालांकि पर्वतारोहण को अभी तक राष्ट्रीय खेलों में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन शीतल इसे ओलंपिक और एशियाई खेलों में शामिल करने की वकालत करती हैं। वह मानती हैं कि पर्वतारोहण जैसे खेलों के लिए वैश्विक मंच पर पहचान बनाना साहसिक खेलों के विकास के लिए बेहद आवश्यक है।

38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में खेल और साहसिक खेलों की संभावनाओं को नई दिशा देगा। शीतल की उम्मीदों और दृष्टिकोण के साथ यह आयोजन राज्य के युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। इस ऐतिहासिक आयोजन से उत्तराखंड न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक नई पहचान बनाएगा।

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शीतल का साहस और उनकी उम्मीदें पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। यह आयोजन केवल खेल प्रतियोगिताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश के विकास और युवाओं के सपनों को नई ऊंचाई देने का अवसर है।

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Pramod Bhakuni
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इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।
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