देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल प्रतिभाग किया। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों और उनकी उपलब्धियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड 2025 तक ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के अपने संकल्प की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत के निर्माण में उत्तराखंड का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए राज्य में प्रवर्तन, संस्थागत सुधार, और जन-जागरूकता के स्तर पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी जी ने बताया कि राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और इसके अवैध व्यापार में लिप्त अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए एंटी नार्कोटिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। साथ ही, एनडीपीएस अधिनियम के तहत कठोर कानूनी प्रावधान लागू किए गए हैं।
नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को पुनर्वास के जरिए मुख्यधारा में लाने के लिए जिलों में पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं।
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मुख्यमंत्री धामी जी ने नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियानों को राज्य की प्राथमिकता बताया। उन्होंने जानकारी दी कि महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों के सहयोग से जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही, दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच बनाकर जागरूकता रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, गोष्ठियों और मैराथनों का आयोजन किया गया है।
विगत वर्ष में:
- 2183 जागरूकता रैलियां
- 1050 गोष्ठियां
- 75 नुक्कड़ नाटक
- 10 मैराथन
आयोजित की गईं, जिनसे तीन लाख से अधिक लोगों को सीधे जागरूक किया गया। राज्य सरकार ने कारागारों और विद्यालयों में काउंसलरों की नियुक्ति की है। साथ ही, मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी जी ने मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के आपसी संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि युवाओं का नशे की ओर जाना न केवल सामाजिक विघटन का कारण बन सकता है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने इस दिशा में राज्य के प्रयासों को देशव्यापी नशामुक्ति अभियान में महत्वपूर्ण योगदान बताया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार और विभिन्न संस्थाओं के सामूहिक प्रयासों से उत्तराखंड जल्द ही नशामुक्त राज्य बनने की ओर अग्रसर होगा। राज्य की यह पहल 2047 तक नशामुक्त भारत के सपने को साकार करने में सहायक होगी।