ऑपरेशन कालनेमि’ नाम सुनते ही रामायण का वह प्रसंग याद आता है, जब रावण ने हनुमान जी को रोकने के लिए छल का सहारा लिया और एक राक्षस को साधु के वेश में भेजा। इसी पौराणिक कथा से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड पुलिस ने अपने विशेष अभियान का नाम ‘ऑपरेशन कालनेमीऑपरेशन कालनेमि ’ रखा, जिसका उद्देश्य फर्जी साधुओं और ढोंगी बाबाओं को पकड़ना है।
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उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि क्यों चलाया गया ?
हाल के वर्षों में चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजनों में कई फर्जी साधु सक्रिय पाए गए। ये लोग –
- साधु का वेश धारण कर अपराध करते थे।
- महिलाओं और श्रद्धालुओं से ठगी या अपराध में लिप्त रहते थे।
- कई बांग्लादेशी नागरिक भी फर्जी साधु बनकर रहते पाए गए।
इन्हीं घटनाओं ने सरकार को चिंतित किया और 10 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ऑपरेशन कालनेमी शुरू किया गया।
ऑपरेशन कालनेमि की वर्तमान स्थिति (July 2025)
- अब तक 13 जिलों में 2448 संदिग्ध साधुओं की जांच की गई है।
- 377 विशेष संदिग्ध चिह्नित हुए हैं।
- 140 से अधिक फर्जी साधुओं को गिरफ्तार किया गया।
- हरिद्वार में 45,देहरादून में 23 , उधम सिंह नगर में 66 गिरफ्तारियां प्रमुख हैं।
- से 20 साल पहले लापता व्यक्ति भी साधु वेश में बरामद हुआ, जिसे परिवार से मिलाया गया।
इस पूरे ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की धार्मिक पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ऑपरेशन का नाम ‘कालनेमी’ क्यों रखा गया ?
रामायण में कालनेमी राक्षस ने साधु वेश में हनुमान जी को रोकने का प्रयास किया था। उसी तरह, यहां भी कुछ लोग साधु के भेष में समाज को धोखा दे रहे थे, इसलिए इस ऑपरेशन को कालनेमी का नाम दिया गया, ताकि संदेश स्पष्ट रहे कि धोखा चाहे साधु वेश में ही क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
अन्य संदर्भों में ऑपरेशन कालनेमी –
1. नक्सल विरोधी अभियान (झारखंड, छत्तीसगढ़):
माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमी चलाया गया, जिसमें उनके ठिकाने नष्ट किये गये और हथियार बरामद हुए।
2. ISI जासूसी नेटवर्क के खिलाफ:
कभी-कभी सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान के जासूसी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए इस कोड नेम का प्रयोग करती रही हैं।
उत्तराखंड ऑपरेशन कालनेमी का महत्व :
यह ऑपरेशन केवल एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सनातन संस्कृति की रक्षा का प्रतीक बन गया है। इससे संदेश गया कि:
- सच्चे संतों और साधुओं का सम्मान हमेशा रहेगा।
- फर्जी साधुओं और ढोंगियों को माफ नहीं किया जाएगा।
- प्रदेश को पवित्र, सुरक्षित और अपराध मुक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
निष्कर्ष :-
ऑपरेशन कालनेमी उत्तराखंड पुलिस की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसने समाज में भरोसा जगाया है। यह ऑपरेशन यह भी सिखाता है कि सच्ची आस्था को धोखे और पाखंड से अलग करना जरूरी है।
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