Monday, April 28, 2025
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मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना – इस योजना में 50% सब्सिडी के साथ सरकार देगी ऋण

उत्तराखंड पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना शुरू करने वाली है। इस योजना को मुख्यमंत्री अतिसूक्ष्म (नैनो) स्वरोजगार योजना नाम दिया है।

इस योजना के अनुसार उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे छोटे स्वरोजगार करने वालों को ,उत्तराखंड सरकार क्षेत्र के हिसाब से सब्सिडी देगी।

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इस योजना में उत्तराखंड सरकार की तरफ से नया अपडेट आया है। अब सरकार ने एक शाशनदेश जारी कर ऋण की सीमा बढ़ा कर 50 हजार कर दी है। और अनुदान क्षेत्र के हिसाब से दिया जाएगा। इस योजना के तहत ऋण के लिए किसी भी प्रकार के कागज गिरवी नही रखें जाएंगे।

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शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर ( रेहड़ी) और फड़ लगाने वालों ,तथा फेरी लगा के समान बेचने वालों के लिए केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना शुरू की है। इसी तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने लघु व्यवसायों के माध्य्म से पर्वतीय लोगो के लिए मुख्यमंत्री नैनो योजना तैयार की है।

2020 – 2021 में कोरोना की मार से कई लोगो की नौकरी चली गई ,और लोग पहाड़ो को लौट आये हैं। पहाड़ वापस आने के बाद लोगो के लिए आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना ऐसे लोगो को मदद करेगी।

क्या लाभ मिलेगा मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना का

उत्तराखंड उद्योग निदेशक  सुधीर चंद्र नौटियाल जी के अनुसार , मुख्यमंत्री अतिसूक्ष्म ( नैनो ) स्वरोजगार योजना को जल्दी लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारियां हो गई हैं। इस योजना के अंतर्गत लघु व्यवसाय करने के लिए उत्तराखंड सरकार अधिकतम 50000 रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी। इस 50000 मे से सरकार क्षेत्र के हिसाब से सब्सिडी प्रदान करेगी।

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मुख्यमंत्री नैनो स्वरोजगार योजना के तहत कौन कौन से व्यवसाय शुरू कर सकते हैं –

उत्तराखंड सरकार की इस स्वरोजगार योजना के तहत निम्नलिखित व्यसाय शुरू कर सकते हैं। या इन व्यवसायों को शुरू करने के लिए मिलेगी मुख्यमंत्री नैनो योजना के तहत 50000 की धन राशि –

  • सब्जी फल व्यवसाय
  • फास्टफूड , चाय स्टाल , पकोड़े ब्रेड ,अंडे की स्टाल
  • प्लम्बर ,टेलर कार्य के लिए
  • मोबाईल रिपेयर कार्य के लिए
  • ब्यूटीशियन कार्य हेतु
  • इम्ब्रॉइडरी एवं सिलाई बुनाई कार्य हेतु।
  • बुक बॉन्डिंग, स्क्रीन प्रिंटिंग हेतु
  • पेपर मैच, क्राफ्ट, धूप एवं अगरबत्ती निर्माण के लिए।
  • रिगाल के कार्य, पेपर बैग निर्माण के लिए।
  • मोमबत्ती व्यवसाय के लिए
  • मशरूम उत्पादन के लिए
  • मशीन रिपेयर, कार वाश कार्य के लिए।
  • डेयरी व्यवसाय
  • बेकरी व्यसाय
  • कारपेंटर, लोहार के व्यवसाय
  • फूल विक्रेता

इसी प्रकार अन्य कई छोटे छोटे व्यवसायों के लिए उत्तराखंड सरकार 50000 तक का ऋण प्रदान करेगी।

इस योजना के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनेगी समिति –

मुख्यमंत्री अतिसूक्ष्म स्वरोजगार योजना को सही रूप से क्रियान्वित करने के लिए, जिलास्तरीय समिती बनेगी इसकी अध्यक्षता , संबंधित जिले के जिला अधिकारी करेंगे। इसके साथ साथ, इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक, जिला महाप्रबंधक उद्योग, राष्ट्रीकृत बैंकों के प्रतिनिधि, खंड विकास अधिकारी, उद्योग विभाग की ओर से नामितसंस्था के प्रतिनिधि होंगे।

उत्तराखंड में स्वरोजगार के विकल्प से संबंधित हमारी अन्य लेख देखे :- 

खबर संदर्भhttps://www.amarujala.com/dehradun/uttarakhand-news-government-increase-loan-amount-for-small-traders?pageId=1

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Bikram Singh Bhandari
Bikram Singh Bhandarihttps://devbhoomidarshan.in/
बिक्रम सिंह भंडारी, देवभूमि दर्शन के संस्थापक और प्रमुख लेखक हैं। उत्तराखंड की पावन भूमि से गहराई से जुड़े बिक्रम की लेखनी में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और प्राकृतिक सौंदर्य की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। उनकी रचनाएँ उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों और प्राचीन मंदिरों का सजीव चित्रण करती हैं, जिससे पाठक इस भूमि की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होते हैं। साथ ही, वे उत्तराखंड की अद्भुत लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बिक्रम का लेखन केवल सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्वरोजगार और स्थानीय विकास जैसे विषयों को भी प्रमुखता से उठाते हैं। उनके विचार युवाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग तलाशने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण है। बिक्रम सिंह भंडारी के शब्द पाठकों को उत्तराखंड की दिव्य सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाते हैं, जिससे वे इस देवभूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
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