झुंझुनू, राजस्थान: भारतीय वायु सेना में महिला सशक्तिकरण को एक नई उंचाई मिली है। स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह देश के स्वदेशी निर्मित लड़ाकू विमान, एलसीए तेजस उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं। मोहना सिंह को 18 फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है, जो यह स्क्वाड्रन संचालित करने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं।
मोहना सिंह का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुआ था। उनके परिवार का विमानन क्षेत्र से गहरा नाता रहा है। उनके दादा एविएशन रिसर्च सेंटर में फ्लाइट गनर थे और उनके पिता भारतीय वायुसेना में वारंट ऑफिसर हैं। मोहना सिंह के इस मुकाम ने उनके परिवार और पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों के साथ ऐतिहासिक उड़ान
हाल ही में, मोहना सिंह जोधपुर में हुए ‘तरंग शक्ति’ अभ्यास का हिस्सा थीं। इस अभ्यास के दौरान उन्होंने तीनों सेनाओं के तीन उप प्रमुखों के साथ एक ऐतिहासिक उड़ान भरी। यह उड़ान भारतीय सशस्त्र बलों के एकीकरण का प्रतीक थी।
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2016 में सरकार द्वारा महिलाओं के लिए लड़ाकू विमान क्षेत्र खोले जाने के बाद से, भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। मोहना सिंह, स्क्वाड्रन लीडर भावना कंठ और स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी उन पहले तीन महिलाओं में शामिल थीं जिन्होंने भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट बनने का सपना साकार किया।
वर्तमान में, मोहना सिंह मिग-21 विमान उड़ा रही हैं। अब उन्हें पाकिस्तान सीमा के पास गुजरात के नलिया एयर बेस पर एलसीए स्क्वाड्रन के साथ तैनात किया जा रहा है। उनकी दो महिला साथी – स्क्वाड्रन लीडर भावना कंठ और स्क्वाडरन लीडर अवनी चतुर्वेदी – अब पश्चिमी रेगिस्तान में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं।
मोहना सिंह का यह मुकाम न केवल उनके लिए बल्कि सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर सफल हो सकती हैं।
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