देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आगामी अंतर्राष्ट्रीय उत्तराखण्डी प्रवासी सम्मेलन की तैयारियों को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में राज्य के गांवों के विकास हेतु प्रवासियों की विशेषज्ञता, अनुभव और वित्तीय सहायता का लाभ लेने पर जोर दिया गया। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रवासियों को ग्राम स्तर की विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवासियों द्वारा गोद लिए जा रहे गांवों में विकास के किसी भी क्षेत्र में बाध्यता नहीं रखी जानी चाहिए।
प्रवासी उत्तराखंडियों का उत्साह
बैठक में प्रवासी उत्तराखंडियों के गांव गोद लेने की पहल पर चर्चा की गई। दुनियाभर में बसे उत्तराखंड मूल के लोगों ने अपने गांवों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें अमेरिका, दुबई, यूनाइटेड किंगडम, चीन और अन्य देशों से प्रवासी शामिल हैं।
- शैलेश उप्रेती (अमेरिका) ने अल्मोड़ा के मानन गांव को गोद लिया है और यहां मॉडल एनर्जी स्टोरेज सेंटर बनाने की योजना बनाई है।
- नीतू अधिकारी (यूके) नैनीताल के एक्वा तोक जंगलिया गांव में कीवी खेती, योग केंद्र और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य करेंगी।
- देव रतूड़ी (चीन) ने टिहरी के सुनार और केमरिया गांवों में सामुदायिक सुविधाओं, सोलर लाइट और युवाओं को रोजगार देने की योजना बनाई है।
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दुबई और अन्य देशों से पहल
दुबई निवासी विनोद जेथूरी उत्तरकाशी के ओसला गांव में कौशल विकास पर काम करेंगे।
गिरीश पंत (दुबई) ने पिथौरागढ़ के तीन गांवों—बजेट, बरशायत और बेरीनाग—को गोद लेकर शिक्षा और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन का लक्ष्य रखा है।
डॉ. ए.के. काला पौड़ी (बैंकॉक) पौड़ी के फण्दाई गांव में शिक्षा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे।
देश के विभिन्न हिस्सों से योगदान
डॉ. विरेन्द्र रावत (अहमदाबाद) प्रतापनगर के हेरवाल गांव को ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करेंगे।
एम.पी. भट्ट (लखनऊ) टिहरी के झौन और भदरसू गांवों में अदरक, हल्दी और लेमन की खेती को प्रोत्साहित करेंगे।
हिमानी शिवपुरी, प्रतिष्ठित अभिनेत्री, भटवाड़ी गांव में पर्यावरण संरक्षण और आजीविका के लिए काम करेंगी।
मुख्य सचिव ने प्रवासियों की इस पहल की सराहना करते हुए इसे उत्तराखंड के गांवों के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। बैठक में सचिव श्री विनोद कुमार सुमन और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल प्रवासी उत्तराखंडियों के माध्यम से गांवों के विकास की नई कहानी लिखने की ओर एक सार्थक प्रयास है।
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