केदारनाथ: केदारनाथ में दिन प्रतिदिन प्लास्टिक बोतलों और उससे होने वाले कूड़े की समस्या बढ़ती जा रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए, पर्यावरण को बचाने और केदारनाथ यात्रा को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए, उत्तराखंड सरकार ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इस योजना के तहत, तीर्थयात्री खाली प्लास्टिक की बोतलें जमा कर सकते हैं और उन्हें यात्रा मार्ग पर स्थापित विशेष वेंडिंग मशीनों में डाल सकते हैं। प्रत्येक बोतल के बदले में, उन्हें 10 रुपये डिजिटल माध्यम से वापस मिलेंगे।
यह योजना फरवरी 2024 में शुरू हुई थी और तब से यह काफी लोकप्रिय हो गई है। पहले चरण में, गौरीकुंड में एक मशीन स्थापित की गई थी। योजना की सफलता को देखते हुए, धीरे-धीरे और मशीनें स्थापित की जाएंगी।
इस पहल का प्लास्टिक प्रदूषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। तीर्थयात्री अब अपनी प्लास्टिक की बोतलों को इधर-उधर फेंकने के बजाय उन्हें जमा कर रहे हैं। इससे यात्रा मार्ग स्वच्छ और सुंदर बना हुआ है। आप को बता दे की प्लास्टिक सालो तक ऐसा ही पढ़ा रहता हैं। यह बाकि कूड़े की तरह अपने आप गलता या नष्ट नहीं होता। जिसके कारण इसका निस्तारण करना जरुरी हो जाता हैं। पहाड़ो में जैसे जैसे पर्यटकों का आवागमन बढ़ा हैं, वैसे वैसे यहाँ हर जगह प्लास्टिक कूड़ा भी बढ़ा हैं। इस पहल से प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आएगी।
इसके अलावा, इस योजना से स्थानीय लोगों को भी आय का एक नया स्रोत मिला है। वे प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा करते हैं और उन्हें वेंडिंग मशीन ऑपरेटरों को बेचते हैं।
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यह योजना कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है और यह अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रेरणादायक है।