देहरादून: मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने आज कांवड़ मेला 2025 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन 11 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए हरिद्वार और अन्य तीर्थ स्थलों पर उमड़ेंगे। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों और कार्यदायी संस्थाओं को मेले के सफल और सुचारु संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूरी करने के सख्त निर्देश दिए।
बैठक में मेले की महत्वपूर्ण तिथियों पर विशेष ध्यान दिया गया। पंचक अवधि 13 जुलाई से 17 जुलाई तक रहेगी, इस दौरान शुभ कार्यों को लेकर विशेष मान्यताएं होती हैं। इसके बाद, डाक कांवड़ 20 जुलाई से 23 जुलाई तक चलेगी, जिसमें कांवड़िये तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। मेले का समापन 23 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि के पावन अवसर पर जलाभिषेक के साथ होगा।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशे में लिप्त, उत्पात मचाने वाले या हिंसक प्रवृत्ति के लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और मेले के दौरान बड़े डीजे साउंड पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने नगर निकायों को नियमित साफ-सफाई, शौचालय और पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जल संस्थान को पेयजल की निर्बाध आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा विभाग को खानपान की चीजों की नियमित देखरेख, और पूर्ति विभाग को किसी भी तरह की ओवर-रेटिंग पर लगाम लगाने के निर्देश दिए गए।
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हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मेले के केंद्र बिंदु हरिद्वार में की गई तैयारियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। इसमें यातायात व्यवस्था, पार्किंग, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मेले के प्रबंधन के लिए पूरे क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन, आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय, महानिरीक्षक के. एस. नगन्याल सहित हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी और टिहरी के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। प्रशासन का लक्ष्य है कि सभी श्रद्धालुओं के लिए यह कांवड़ मेला सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धापूर्ण रहे।
