आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी भयावह स्थिति का सामना कर रही है ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है पर्यावरण संरक्षण की, उसके लिए हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की आवश्यकता है। हाल ही में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और उसकी सहयोगी संस्था सरकारटेल के सहयोग से महाराष्ट्र में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें आने वाले जल संकट और उसके संरक्षण को लेकर गहन चर्चा हुई।
इस दौरान अन्य देशो से आए हुए विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम ने जल संकट को एक भयानक वैश्विक संकट मानते हुए इसके समाधान के लिये अपने कुछ सुझाव दिए तथा दुनिया भर में हो रहे ग्लोबल वार्मिंग व पेयजल के संकट से निपटने के लिए दुनियाभर की नई-नई तकनीकों और भारत द्वारा इस दिशा में उठाये जा रहे अनेकों सकारात्मक कदमों पर भी खूब चर्चा हुई। इस दौरान कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के आए आए हुए 52 जल पर्यावरणविदों को जल प्रहरी सम्मान से से सम्मानित भी किया गया। जिसमें हमारे उत्तराखंड के नैनीताल जिले से ओखलकांडा निवासी चंदन सिंह नयाल व अल्मोड़ा जिले के शिव कुमार उपाध्याय का नाम भी शामिल है।
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जल प्रहरी – शिव कुमार उपाध्याय
जलागम विभाग अल्मोड़ा के उप परियोजना निदेशक डाॅ० शिव कुमार उपाध्याय जी को महाराष्ट्र में आयोजित कार्यक्रम में उनके द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों के लिए ‘जल प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। जोकि पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। हम डाॅ० शिव कुमार उपाध्याय जी को इस सम्मान के लिए बधाईयाँ देते हैं।
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चन्दन सिंह नयाल जी
नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक, तोक चामा निवासी पर्यावरण प्रेमी चन्दन सिंह नयाल को भी उनके द्वारा बनाए गए 3200 से अधिक चालखाल और 53000 से ज्यादा पेड़ लगाने के अनुकरणीय कार्यों के लिए जल प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया। चन्दन सिंह नयाल द्वारा किए गए कार्यों के लिए उन्हें पहले भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है।