देहरादून। प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य के विकास में सहभागी बनाने और उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार 12 जनवरी को देहरादून में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन करेगी। इस सम्मेलन के लिए अब तक 15 देशों के प्रवासी उत्तराखंडियों ने पंजीकरण कराया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया।
चार प्रमुख सत्रों में होंगे चर्चाएँ
सम्मेलन के दौरान उद्योग, पर्यटन, कौशल विकास, और कृषि एवं उद्यान पर आधारित चार सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में विशेषज्ञ प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उद्योग
- विनिर्माण
- ऊर्जा
- स्टार्टअप क्षेत्र
पर्यटन
- हाॅस्पिटेलिटी
- वेलनेस
कौशल विकास
- कौशल विकास
- विदेश में रोजगार
- उच्च शिक्षा क्षेत्र
कृषि और उद्यान
- हाॅर्टीकल्चर
- हर्बल मेडिसिन
- एरोमा क्षेत्र
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इन विषयों पर संबंधित विभाग प्रवासी उत्तराखंडियों के समक्ष निवेश की संभावनाएँ रखेंगे। साथ ही, प्रवासियों को राज्य में एक गांव गोद लेने का भी आग्रह किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन को आयोजन के दौरान शहर और स्थल की स्वच्छता, पार्किंग, अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति, परिवहन, प्रोटोकाॅल, और ट्रैफिक प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड की लोक संस्कृति, पारंपरिक खानपान, स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रत्येक सत्र के लिए संबंधित विभाग के सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
समीक्षा बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, विनोद कुमार सुमन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रवासी उत्तराखंडी अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों के माध्यम से राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएँ। इस सम्मेलन से उत्तराखंड में निवेश और विकास के नए आयाम स्थापित होने की उम्मीद है।
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