Wednesday, May 21, 2025
Homeराज्यउत्तराखंड के किसानों के लिए खुशखबरी: सेना खरीदेगी स्थानीय पोल्ट्री उत्पाद

उत्तराखंड के किसानों के लिए खुशखबरी: सेना खरीदेगी स्थानीय पोल्ट्री उत्पाद

चमोली: उत्तराखंड के काश्तकारों और किसानों की आजीविका सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को एक और सफलता मिली है। अब भारतीय सेना पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय किसानों से पोल्ट्री उत्पादों की सीधी खरीद करेगी। इस पहल की शुरुआत आज जनपद चमोली से हुई, जहाँ भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों माणा और मलारी के लिए आपूर्ति की पहली खेप रवाना की गई। जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर इन आपूर्ति वाहनों को रवाना किया।

पशुपालन विभाग की इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य उत्तराखण्ड में सेना की अग्रिम चौकियों पर स्थानीय स्तर पर उत्पादित भेड़, बकरी और पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। पहले चरण में पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति शुरू की गई है।

जोशीमठ से रवाना हुई इस पहली खेप में स्थानीय पशुपालक श्री गुलशन सिंह राणा और श्री सौरभ नेगी द्वारा उपलब्ध कराए गए पोल्ट्री उत्पादों को भारतीय सेना की माणा और मलारी पोस्ट पर पहुंचाया जाएगा। इस पहल का मुख्य लक्ष्य उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय पशुपालकों को उनके उत्पादों के लिए एक मजबूत बाजार उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से उन्हें अपने उत्पादों का उचित मूल्य और नियमित भुगतान मिल सकेगा।

यह भी पढ़े: द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, 21 मई को खुलेंगे कपाट

इस ऐतिहासिक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चमोली जनपद से शुरू हुई यह व्यवस्था आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इससे सीमावर्ती गांवों के पशुपालकों को एक स्थायी और निश्चित बाजार मिलेगा। यह पहल केंद्र सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना को नई दिशा प्रदान करने के साथ-साथ गांवों से हो रहे पलायन को रोकने में भी कारगर साबित होगी।

यह उल्लेखनीय है कि पशुपालन विभाग ने इससे पहले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के साथ भी एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया था, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय पशुपालकों को एक सुलभ बाजार मिला। इसी क्रम में सेना को जीवित भेड़, बकरी और कुक्कुट की आपूर्ति की इस नई संभावना से वाइब्रेंट गांवों के पशुपालकों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, रोजगार की तलाश में दूसरे स्थानों पर जाने वाले युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। यह पहल सीमावर्ती गांवों से पलायन की समस्या को कम करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Pramod Bhakuni
Pramod Bhakunihttps://devbhoomidarshan.in
इस साइट के लेखक प्रमोद भाकुनी उत्तराखंड के निवासी है । इनको आसपास हो रही घटनाओ के बारे में और नवीनतम जानकारी को आप तक पहुंचना पसंद हैं।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments