टनकपुर। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को क्रीड़ा स्थल छीनीगोठ, टनकपुर में आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” कार्यक्रम के दौरान टनकपुर क्षेत्र के लिए ₹3,630.89 लाख (लगभग ₹36.30 करोड़) की कुल 15 महत्त्वपूर्ण विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, पेयजल, कानून व्यवस्था, पर्यटन और कल्याण जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
कैंप कार्यालय सहित 9 योजनाओं का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की कुल 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण किया, जिनमें सबसे प्रमुख है टनकपुर में नवनिर्मित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय भवन। ₹45.00 लाख की लागत से बने इस आधुनिक भवन के लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह कैंप कार्यालय केवल एक प्रशासनिक भवन नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान केंद्र बनेगा। इससे स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच संवाद और समन्वय और अधिक सुदृढ़ होगा।”
अन्य लोकार्पित प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं:
- स्मार्ट क्लासरूम: राजकीय प्राथमिक विद्यालय फागपुर एवं जूनियर हाई स्कूल फागपुर का स्मार्ट कक्षाओं में परिवर्तन (₹76.40 लाख)।
- विद्यालय पुनर्निर्माण: राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर के भवन का पुनर्निर्माण (₹74.50 लाख)।
- पेयजल योजनाएँ: भैंसियाखाल पंपिंग पेयजल योजना (₹136.77 लाख) और बिचाई पंपिंग पेयजल योजना (₹182.61 लाख)।
- सुरक्षा व पर्यटन: कोतवाली टनकपुर परिसर में सिटी कंट्रोल रूम की स्थापना (₹239.05 लाख) और पर्यटक आवास गृह का उच्चीकरण (₹68.00 लाख)।
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6 नई योजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 06 महत्त्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास भी किया। इनमें उच्च शिक्षा के लिए राजकीय महाविद्यालय टनकपुर में परीक्षा हॉल का निर्माण (₹826.99 लाख) और दो बड़ी पेयजल परियोजनाएँ – लादीगाड़ श्री पूर्णागिरी पंपिंग पेयजल योजना (₹811.70 लाख) तथा ठुलीगाड़/बाबलीगाड़ पंपिंग पेयजल योजना (₹712.87 लाख) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बुक्सा एवं राजी जनजाति के लिए बहुउद्देशीय भवन और माँ पूर्णागिरि धाम आने वाले यात्रियों के लिए शेड निर्माण का शिलान्यास भी किया गया।
महिलाओं को ‘खुशियों की चाबियाँ’: 5 ई-रिक्शा की सौगात
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रीप परियोजना के अंतर्गत प्रेरणा स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को 5 ई-रिक्शा की सौगात रही। मुख्यमंत्री ने स्वयं महिला समूह की प्रतिनिधियों को ई-रिक्शा की ‘खुशियों की चाबियाँ’ सौंपी।
उन्होंने इस पहल को महिलाओं की आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक नई शुरुआत बताते हुए कहा, “यह ई-रिक्शा केवल एक वाहन नहीं, बल्कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता और गरिमा की नई पहचान है। इसके माध्यम से महिलाएं न केवल बेहतर आय अर्जित करेंगी, बल्कि सार्वजनिक परिवहन जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगी।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य महिलाओं को ‘सहायता प्राप्तकर्ता’ नहीं, बल्कि ‘सशक्त उद्यमी’ के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को सामूहिक उद्यमों के लिए हर संभव वित्तीय, तकनीकी और प्रशिक्षण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने इन परियोजनाओं के माध्यम से चंपावत जिले में बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने और महिला शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को ज़ाहिर किया।