चैत्र का महीना, हिन्दू धर्म के लोगो के लिए खास होता ही है, मगर यह महीना उत्तराखण्डी लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस महीने में पहाड़ियों की जिंदगी बसंत की तरह खुशियों का आगमन होता है। होली, झोड़ा ,चाचरी की धूम होती है। बहिनों की भिटौली आती है। प्रकृति अपने सबसे बेहतरीन रूप में होती है। इधर कुमाऊं के द्वारहाट नगर में विषुवत संक्रांति (जिसे कुमाऊं में बिखोति त्यौहार के नाम से मनाते हैं)के दिन मेला लगता है। जिसे स्याल्दे बिखोति का मेला कहते हैं। प्रस्तुत गीत , ओ भिना कसीके जानू द्वारहाटा एक पारंपरिक और पुराना सदाबहार कुमाउनी गीत है। जिसमे जीजा और साली के बीच की हसी ठिठोली को बड़े सरलता से दर्शाया गया है। इस गीत में जीजा अपनी साली को द्वारहाटा के मेले में चलने को बोलता है। और साली बड़ी चतुराई से बहाने बनाती हैं ।और इन्ही बहानों के साथ वो बड़ी चतुराई से अपनी सारी मांगे मनवा लेती हैं।
आइये आनंद लेते हैं, इस पुराने पारम्परिक गीत का
ओ भिना कसीके जानू द्वारहाटा….,
हिट साई कौतिक जानू द्वारहाटा ।।
ओ भिना कसीके जानू द्वारहाटा…
ओ .हिट साई कौतिक जानू द्वारहाटा….
आंग में आंगड़ी नी छो कसीके जानू द्वारहाटा।
वैं दरजी ,वै सिनुल द्वारहाटा।
ओ साई हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा ….
ओ भिना कसीके जानू द्वारहाटा…
ओ साई ..हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा…
नाख मे नथूली नी छो, कसीके जानु द्वारहाटा,
वै सुनार वै गणूल द्वारहाटा…
ओ साई हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा…
ओ साई ..हिट हिट कौतिक जानू दद्वारहाटा
ख्वार मा पिछौड़ी नैहति कसीके जानु द्वारहाटा
वै बणिया वै बणूल द्वारहाटा…,
ओ साई .हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा।
ओ भिना कसी के जानू द्वारहाटा..
म्यर खुट मा चप्पल नई छो, कसीके जानू द्वारहाटा।
वै दुकान ,वे बे लयुहल द्वारहाटा।
हिट हिट साई कौतिक जूलो द्वारहाटा..
ओ भिना कसीके जानू द्वारहाटा..
हिट हिट कौतिक जानु द्वारहाटा।
मैं हुनी धमेली ल्ह्वला म्यारा भिना द्वारहाटा।
मैं हुनी धमेली ल्ह्वला म्यारा भिना द्वारहाटा।
जस तू कौलि उस करूल द्वारहाटा ।।
ओ हिट हिट .. हिट साई द्वारहाटा..
गौ पतानी भलि रैछ दुर्गापुरी द्वारहाटा,
गौ पतानी भलि रैछ दुर्गापुरी द्वारहाटा
हिट कौतिक दुर्गापुरी द्वारहाटा,
हिट कौतिक दुर्गापुरी द्वारहाटा…
ओ साई हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा …
ओ साई ..हिट हिट कौतिक जानू द्वारहाटा
इस गीत का वीडियो यहां देखें:
प्रस्तुत गीत को, अलग अलग समय में, अलग प्रसिद्ध लोकगायकों द्वारा गाया गया है। यहां हम इस गीत का वीडियो उपलब्ध करा रहे हैं। यह गीत , बिखोती त्यौहार के दिन सांस्कृतिक नगरी द्वाराहाट में लगने वाले स्याल्दे बिखौती के मेले पर आधारित है। स्याल्दे बिखौती का मेला कुमाऊँ का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मेला है। कुमाऊं के इस सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मेले के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।