देहरादून। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका सीधा असर प्रदेश के आम नागरिकों, आपदा प्रभावितों और सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा। बैठक में ‘देवभूमि परिवार योजना’ को लागू करने की स्वीकृति दी गई, वहीं उत्तरकाशी में आपदा प्रभावितों के लिए आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने का भी ऐलान किया गया। इसके अलावा, उपनल और संविदा कर्मियों के हितों के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
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‘देवभूमि परिवार योजना’ होगी लागू
प्रदेश के निवासियों का एक प्रामाणिक डेटाबेस तैयार करने के लिए कैबिनेट ने ‘देवभूमि परिवार योजना’ को लागू करने की मंजूरी दे दी है।
- इस योजना के तहत उत्तराखंड में रहने वाले सभी परिवारों की एक विशिष्ट आईडी बनाई जाएगी।
- परिवारों का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया जाएगा, जिससे पात्र लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना आसान होगा।
- लाभार्थी परिवार ‘एक क्लिक’ पर अपने लिए उपलब्ध सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी देख सकेंगे।
आपदा प्रभावितों के लिए बढ़ी सहायता राशि
उत्तरकाशी जिले के धराली और अन्य क्षेत्रों में आपदा से हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने प्रभावितों को बड़ी राहत दी है।
- मृतक आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि ₹4 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है।
- क्षतिग्रस्त पक्के आवासीय मकानों के लिए ₹5 लाख की सहायता दी जाएगी।
- कच्चे मकानों के लिए निर्धारित राशि के अलावा, मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹1 लाख की अतिरिक्त धनराशि भी मिलेगी।
- वाणिज्यिक संपत्तियों (कमर्शियल प्रॉपर्टी) को हुए नुकसान के मामलों में ‘केस टू केस’ आधार पर फैसला लिया जाएगा।
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कर्मचारियों के हित में बड़े फैसले
कैबिनेट ने उपनल, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को राहत देने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:
- उपनल कर्मियों के लिए: उपनल (UPNL) कर्मियों के न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ते आदि के संबंध में विचार करने के लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया जाएगा। यह समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
- संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी: संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मियों के नियमितीकरण (regularization) की कटऑफ डेट तय करने के लिए भी एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया जाएगा, जो इन सभी मामलों पर अपनी रिपोर्ट देगी।
नए पदों का सृजन और प्रशासनिक सुधार
प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी कैबिनेट ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी:
- शहरी विकास में PMU: शहरी विकास निदेशालय में एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) के गठन को मंजूरी दी गई है। यह यूनिट शहरी निकायों में स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का पर्यवेक्षण और लोक स्वास्थ्य के लिए मिली धनराशि की मॉनिटरिंग करेगी। इसके लिए वरिष्ठ चिकित्साधिकारी समेत चार नए पदों के सृजन का भी प्रस्ताव है।
- कारागार विभाग में आईटी विंग: उत्तराखण्ड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग में एक ‘आईटी विंग’ के गठन को मंजूरी दी गई है। इस विंग के संचालन के लिए दो सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं दो कंप्यूटर प्रोग्रामर के नए पद सृजित किए जाएंगे।
