देहरादून: आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावटखोरों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, डॉ. आर. राजेश कुमार के कड़े निर्देशों के बाद, प्रदेश भर में यह विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
कुमाऊं और गढ़वाल में ताबड़तोड़ छापेमारी
विभाग ने कुमाऊं और गढ़वाल दोनों मंडलों में बड़े पैमाने पर छापे मारे हैं। कुमाऊं मंडल के नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में चलाए गए अभियान के दौरान लगभग 200 खाद्य नमूने जांच के लिए लिए गए। इस दौरान 100 किलोग्राम से अधिक की अयोग्य खाद्य सामग्री को जब्त करके नष्ट किया गया। कुल 252 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, और दोषी पाए गए कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
इसी तरह, गढ़वाल मंडल में भी उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और श्रीनगर में व्यापक जांच हुई। अकेले श्रीनगर में 18 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया और 11 नमूने लिए गए, जो गढ़वाल में सबसे बड़ी कार्रवाई थी।
भगवानपुर में मिलावट का भंडाफोड़
इसी अभियान के तहत, 27 सितंबर को भगवानपुर ब्लॉक के नन्हेड़ा अनंतपुर गांव में खाद्य सुरक्षा और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम ने छापा मारा। इस कार्रवाई का नेतृत्व उपायुक्त गढ़वाल मंडल, श्री राजेंद्र सिंह रावत ने किया।
यह भी पढ़े: शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित
छापेमारी के दौरान, एक खाद्य कारोबारी आलिम ने खुद स्वीकार किया कि वह मिल्क पाउडर और वनस्पति तेल से पनीर बनाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि वह पनीर को जमाने के लिए एसिड का इस्तेमाल करता था, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। टीम ने तुरंत दो पनीर और एक दूध के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजे। कारोबारी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
जागरूकता और प्रशिक्षण पर भी ज़ोर
विभाग सिर्फ कार्रवाई ही नहीं कर रहा, बल्कि जागरूकता भी फैला रहा है। लगभग 180 खाद्य कारोबारकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा, नवरात्रि जैसे पर्वों को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों और व्यापार संगठनों के बीच कई जन-जागरूकता गोष्ठियां भी आयोजित की गईं, ताकि वे सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही बेचें।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने साफ किया है कि मिलावटखोरों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि राज्य के हर नागरिक को शुद्ध और सुरक्षित भोजन मिल सके।