सरस आजीविका मेला 2025। एमबी इंटर कॉलेज मैदान में एक से 10 मार्च तक आयोजित होने वाले सरस आजीविका मेला 2025 की तैयारियों का जायजा लेने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अशोक कुमार पाण्डेय पहुंचे। उन्होंने मेले को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीडीओ ने बताया कि इस मेले का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस मेले में कुल 251 स्टॉल बनाए गए हैं, जिनमें से 197 स्टॉल की बुकिंग देशभर के 13 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा की जा चुकी है। यह मेला न केवल स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन का मंच होगा बल्कि देशभर से आए कारीगरों और उद्यमियों को भी अपने उत्पादों को प्रस्तुत करने का अवसर देगा।
मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष रूप से फन पार्क तैयार किया जा रहा है। साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। स्थानीय लोक कलाकारों के अलावा सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे, जिससे मेले में पारंपरिक और सांस्कृतिक रंग देखने को मिलेगा। इसके अलावा, मेले में हस्तशिल्प, हर्बल उत्पाद, जैविक कृषि उत्पाद, पारंपरिक परिधान और अन्य कई प्रकार की वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी, जिससे आगंतुकों को विभिन्न क्षेत्रों की विशेषताओं से अवगत होने का मौका मिलेगा।
बृहस्पतिवार को निरीक्षण के दौरान सीडीओ ने विकास विभाग, पुलिस और अग्निशमन अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, उप परियोजना अधिकारी चंदा फर्त्याल, बीडीओ तनवीर असगर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि मेले की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा और आगंतुकों की सुविधा के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे। इसके अलावा, अग्निशमन दल भी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहेगा।
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सरस आजीविका मेला 2025 का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना और देशभर के छोटे उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है। यह मेला उन कारीगरों और महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाना चाहते हैं। सरकार द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों को भी इसमें भाग लेने का अवसर दिया गया है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकें।
इस बार मेले में विशेष रूप से खाद्य स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जहां आगंतुक विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। उत्तराखंड के स्थानीय पकवानों के साथ-साथ अन्य राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजन भी यहां उपलब्ध होंगे, जिससे यह मेला न केवल व्यापार और संस्कृति बल्कि खान-पान के विविध स्वादों का संगम बनेगा।
इस मेले के आयोजन से स्थानीय कारीगरों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पादों की पहचान बनाने का अवसर भी मिलेगा। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यह एक बेहतरीन अनुभव होगा, जहां वे खरीदारी के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद भी ले सकेंगे।
सरस आजीविका मेला 2025 में भाग लेने वाले सभी स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे वे अपने व्यापार को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सकें। यह मेला सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा।
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कुल मिलाकर, यह मेला उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, लोककला, और पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट माध्यम होगा। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए यह मेला आकर्षण का केंद्र बनेगा, जहां वे विभिन्न क्षेत्रों की विशेषताओं से रूबरू हो सकेंगे और साथ ही विभिन्न राज्यों के उत्पादों और व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे।