देहरादून: उत्तराखंड पुलिस को नया मुखिया मिल गया है। 1995 बैच के IPS अधिकारी दीपम सेठ को राज्य का 13वां पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के बाद सेठ ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर सेठ ने सोमवार को ही अपना मूल कैडर ज्वाइन किया और उन्हें तुरंत पुलिस प्रमुख की जिम्मेदारी सौंप दी गई। सेठ वर्ष 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। हालांकि, उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने से पहले ही राज्य सरकार ने उन्हें वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। केंद्र सरकार ने भी एक दिन के भीतर ही इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया। आप को बता दे की पदभार सभालने के बाद पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने आज मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से सचिवालय में शिष्टाचार भेंट भी की।
क्यों चुने गए दीपम सेठ?
DGP दीपम सेठ उत्तराखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही सेठ के वापस आने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। सरकार ने उनका नाम भी डीजीपी के पैनल में शामिल करते हुए यूपीएससी को भेजा था। हालांकि, तब वे प्रतिनियुक्ति पर थे।
पिछले साल नवंबर में अभिनव कुमार को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था। लेकिन, हाल ही में डीजीपी के चयन के लिए बने नए पैनल में उनका नाम शामिल नहीं था। कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने कुछ समय पहले गृह सचिव को पत्र लिखकर उत्तराखंड में डीजीपी का चयन उत्तर प्रदेश की तर्ज पर करने की सिफारिश की थी। उन्होंने मौजूदा उत्तराखंड पुलिस एक्ट के नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि दो साल के लिए शासन की समिति ही डीजीपी का चयन कर सकती है।
हालांकि, गृह विभाग ने अचानक फैसला बदलते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर दीपम सेठ को वापस भेजने की मांग की थी। केंद्र सरकार ने भी इस मांग को तुरंत स्वीकार कर लिया।
DGP दीपम सेठ के पास विस्तृत प्रशासनिक और पुलिस अनुभव है। उनके अनुभव और नेतृत्व में उत्तराखंड की कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की उम्मीद है।